22 जनवरी 2024 का इंतजार पूरा देश बेसब्री से कर रहा है. इस दिन अयोध्या में श्रीराम अपनी जन्मस्थली पर भव्य और नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में विराजित होंगे. जिसे लेकर भारत वर्ष के हर सनातनियों में भारी उत्साह देखा जा रहा हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में प्रभु श्रीराम को भांजे के रूप में पूजा जाता हैं. इसके साथ ही जांजगीर चांपा जिले के धर्म नगरी शिवरीनारायण से श्रीराम का गहरा नाता है. यहां प्रभु राम ने शबरी के जुठे बेर खाए थे. इसी कारण यहां के रामभक्त शिवरीनारायण से शबरी के जूठे बेर (बोईर ) लेकर भेंट स्वरूप शोभा यात्रा के साथ अयोध्या जा रहे हैं. रथ यात्रा निकलने के दौरान बड़ी संख्या में नगर के सभी रामभक्तों ने डीजे पर राम भजन की धुन में खूब थिरके लगाए और जय श्री राम का नारा लगाया.
इस मंदिर की है खास मान्यता
अयोध्या जा रहे भक्त यदुवंशी अनूप यादव ने बताया की 500 सालों के इंतजार के बाद ये सौभाग्य मिला है कि अयोध्या में श्री रामलला की स्थापना हो रही है. यह हमारे लिए बहुत ही खुशी का पर्व है. शिवरीनारायण मठ मंदिर के पुजारी त्यागी जी महाराज ने बताया कि शिवरीनारायण में माता शबरी ने श्री राम जी को वनवास काल मे जूठे बेर खिलाए थे. इसी कारण हम कृष्ण भगवान के वंशज 35 लाख यदुवंशियो की आस्था और प्रेम को लेकर उनके नेतृत्व में रथ यात्रा के साथ शबरी के जुठे बेर (बोईर ) लेकर अयोध्या जा रहे हैं. साथ ही शबरी ने जिस दोना नुमा पात्र में बेर रखे थे, उस दोने वाले वृक्ष के पत्ते भी शबरी धाम से अयोध्या धाम ले जाया जा रहा हैं. यह यात्रा जांजगीर चांपा जिला के शिवरीनारायण मंदिर से शबरी के बेर लेकर, कोरबा के सीता गुफा दर्शन करने पहुंचेंगी, उसके बाद कोरबा, दीपका, कटघोरा, अंबिकापुर, बनारस होकर अयोध्या पहुंचेगी.