सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (15 फरवरी) को एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को छह साल पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी चुनाव आयोग को देने के निर्देश दिए. अब कोर्ट के इस फैसले को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर बीजेपी पर जोर दार हमला बोला है.
भूपेश बघेल ने एएनआई से बात करते हुए चुनावी बॉन्ड योजना पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि बीजेपी कहती रही है कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा है. यह सबसे बड़ा आरोप है कि उन्होंने चुनावी बॉन्ड की मदद से पैसा इकट्ठा किया. अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया है, पूरा देश इसका स्वागत कर रहा है.
कोर्ट ने दिया ये आदेश
दरअसल चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा भुगतान कराए गए सभी चुनावी बॉन्ड का ब्योरा देना होगा. इस ब्योरे में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस डेट को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी. सभी डिटेल्स 6 मार्च तक चुनाव आयोग के सामने पेश किया जाना चाहिए और चुनाव आयोग को एसबीआई से मिली जानकारी को 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर देना होगा. साथ ही जिन राजनीतिक पार्टियों ने जिन बॉन्ड को कैश नहीं कराया, उन्हें तुरंत बैंक को लौटाने होंगे.