ट्रिपल IT नवा रायपुर इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. अब फैकल्टी भर्ती में छत्तीसगढ़ के लोगों के अधिकार में डाका डाला गया है. भर्ती में प्रदेश के योग्य लोगों को छोड़कर मनमानी करते हुए अलग-अलग राज्यों के लोगों को नौकरी दे दी गई. इस भ्रष्टाचार के आरोप का कबूलनामा कोई और नहीं पर नहीं बल्कि ट्रिपल IT के डारेक्टर और कुलपति ने किया है. इसको लेकर तकनीकी शिक्षा सचिवालय और उपमुख्यमंत्री को शिकायत की गई है.
ट्रिपल IT कर्मचारी संघ के सचिव अजीत कुमार ने बताया कि भर्ती में गड़बड़ी का मसला का भनक लगी तब हम लोगों ने छानबीन की. जिसमें चौंकाने वाला तथ्य और अति गंभीर मामला सामने आया. प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य भर्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया है. साथ ही आरक्षण रोस्टर की तिलांजलि दी गई.
45 फैकल्टी में 15 लोग अन्य राज्य के हैं. जिसमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के फैकल्टी हैं. जबकि भर्ती नियम में छत्तीसगढ़ के निवासियों को लेना था. इन भर्तियों में साफ तौर से नियमों को अनदेखा किया गया. इसकी शिकायत निदेशक, तत्कालीन मुख्यमंत्री, तत्कालीन शिक्षा मंत्री और बोर्ड सदस्यों से की गई है. लेकिन दुर्भाग्य है कि आज तक इस पर कोई न उच्च स्तरीय जांच गठित हुई ना ही मनमानी को रोका गया है. मामले में संघ ने जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
भ्रष्टाचार का कबूलनामा
ट्रिपल IT के डारेक्टर और कुलपति पी के सिन्हा ने कहा आरक्षण नियम को लेकर कन्फ्यूजन थी की ऑल इंडिया लेवल पे करना है या राज्य स्तर पर है. इसके लिए लीगल ओपिनियन हमने ली है. इसको लेकर हमने राज्य सरकार को सूचना दे दी है.