लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है. सुकमा के किस्टाराम इलाके में सक्रिय तीन नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने वालों में एक लाख का इनामी नक्सली भी शामिल है. इन नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि दी गई और शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा. इन नक्सलियों ने 4 अप्रैल को जिला मुख्यालय स्थित एसपी ऑफिस में पुलिस अधिकारियों के सामने आत्म समर्पण किया. पुलिस की मानें तो छत्तीसगढ़ शासन की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति’ और सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘पूना नर्कोम अभियान,’ सेना के अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से नक्सलियों पर असर पड़ा है.
इसके अलावा नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा, अत्याचार, शोषण और बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव का भी स्थानीय नक्सलियों पर प्रभाव पड़ा है. नक्सली स्थानीय आदिवासियों के साथ माओवादियों द्वारा की जाने वाली हिंसा से भी तंग हैं. जानकारी के मुताबिक, सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक लाख का इनामी माड़वी जगरू उर्फ जगदीश (उम्र करीब 28 वर्ष, जाति मुरिया, निवासी मेटागुड़ा थाना किस्टाराम, जिला सुकमा) शामिल है. इसके अलावा माड़वी देवा (पिता हुंगा, पालाचलमा आरपीसी मिलिशिया सदस्य, उम्र लगभग 23 वर्ष, जति मुरिया, निवासी मेट्टागुड़ा, थाना किस्टाराम, जिला सुकमा) और कट्टम गंगा (पिता स्व. देवा, बुर्कलंका आरपीसी सीएनएम सदस्य, उम्र लगभग 30 वर्ष, जाति मुरिया, निवासी बुर्कलंका, थाना किस्टाराम, जिला सुकमा) ने भी सरेंडर किया.