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दिल्ली में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी के पीछे कौन? ईमेल ट्रेस करने में ऐसे उलझी दिल्ली पुलिस

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बुधवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के 250 से अधिक स्कूलों को फर्जी धमकियां आईं. इस मामले में एक नया खुसासा हुआ है. फर्जी धमकियां भेजने के लिए इस्तेमाल की गई ईमेल आईडी के कंट्री डोमेन (.ru) का इस्तेमाल पिछले साल शहर के एक निजी स्कूल को भेजे गए इसी तरह के ईमेल के लिए भी किया गया था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जांच में शामिल अधिकारियों ने कहा कि संदिग्ध ने संभवतः अपनी पहचान छिपाने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल किया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी परिस्थितियों में लोगों पर नज़र रखना मुश्किल हो सकता है. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने यह भी कहा कि उन्हें “गहरी साजिश” का संदेह है और उन्होंने भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, गुमनाम संचार और अन्य आरोपों का मामला दर्ज किया है.

अधिकारियों ने क्या खुलासा किया?
अधिकारियों ने कहा कि निश्चित रूप से, ऐसे ईमेल आईडी पते कोई भी, किसी भी स्थान से बना सकता है. जांच में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि धमकी रूस स्थित डोमेन वाली आईडी ‘savariim@mail.ru’ से भेजी गई थी, लेकिन हो सकता है कि यूजर ने अपना IP (इंटरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस छिपा दिया. अधिकारी ने आगे कहा कि ‘संभावना है कि IP ए़़ड्रेस VPN से जुड़े हो सकते हैं और व्यक्ति की कनेक्टिविटी स्थापित करना एक चुनौती होगी. हम इंटरपोल को डेमी आधिकारिक (DO) पत्र भेजकर मदद मांगेंगे, जिसमें ईमेल एड्रेस के लिए साइन अप करने वाले व्यक्ति का विवरण मांगा जाएगा.’

मालूम हो कि Mail.ru रूसी कंपनी VK द्वारा प्रदान की जाने वाली ईमेल सेवा है, ठीक उसी तरह जैसे Gmail या Outlook क्रमशः Google और Microsoft द्वारा प्रदान की जाने वाली ईमेल सेवाएं हैं. इस मामले में, .ru रूसी वेबसाइटों के लिए देश कोड शीर्ष-स्तरीय डोमेन है, जैसे .in भारत के लिए है. पिछले साल 12 अप्रैल को दक्षिणी दिल्ली के सादिक नगर स्थित द इंडियन स्कूल को फर्जी धमकी भेजने के लिए भी .ru कंट्री कोड का इस्तेमाल किया गया था.

आगे क्या हो सकता है?
यह जानने के लिए कि फर्जी ईमेल कहां से आई, भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रेषक के खाते के बारे में विवरण के लिए रूसी कंपनी से संपर्क करना होगा. कंपनी द्वारा प्रदान किए जाने वाले सहयोग का स्तर अपराध को सुलझाने के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान के बारे में रूस के साथ भारत की द्विपक्षीय संधियों और कंपनी अपने उपयोगकर्ताओं और उनके ईमेल खातों के बारे में कितनी जानकारी संग्रहीत करती है, इस पर निर्भर करेगी. VPN यूजर को अपने IP एड्रेस को ऑनलाइन छिपाने की अनुमति देते हैं.

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