छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव परिणाम का इंतजार भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं को बेसब्री से है, क्योंकि सरकार बनने के बाद से निगम-मंडल-आयोग में जगह पाने नेता-कार्यकर्ता आतुर हैं. और उनका इंतज़ार चुनाव परिणाम के साथ खत्म हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री साय कई नामों पर विचार कर चुके हैं. आचार संहिता हटने के कुछ दिनों बाद पहली सूची आ सकती है.
भाजपा कार्यालय से लेकर पक्ष और विपक्षी गलियारों तक में पद पाने और नहीं पाने वाले भी निगम-मंडल-आयोग में सांय-सांय का इतज़ार कर रहे हैं. दरअससल साय सरकार में कई निर्णय सांय-सांय लिए गए हैं, ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता और नेता भी सांय-सांय नियुक्ति की राह देख रहे हैं. राह देखने वालों में भाजपा के कुछ ऐसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं, जो साय सरकार में मंत्री बन पाने से वंचित रह गए हैं, जो 2023 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाए हैं, जिन्हें लोकसभा की टिकट नहीं मिल पाई है. वहीं कुछ ऐसे ज़मीनी कार्यकर्ता भी हैं, जो बिना किसी लाभ हानि के चुप-चाप संगठन के लिए काम करते रहे हैं. यही नहीं इन सबके बीच संघ के कुछ लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री साय ने ऐसी जगहों पर होने वाली नियुक्तियों को लेकर एक दौर का मंथन कर लिया है. दिल्ली से भी विचार-विमर्थ किया जा चुका है. शुरुआती सूची के कुछ प्रमुख नाम तय बताए जा रहे हैं. हालांकि यह सूची सांय-सांय ही आ जाए इस पर अभी संदेह है, क्योंकि निगम-मंडल-आयोग से पहले कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार होना है.
साय कैबिनेट में जगह पाने भी कई वरिष्ठ विधायक कतार में हैं. साथ ही कुछ नए विधायकों ने भी अपनी सक्रियता तेज़ कर दी है. चर्चा में है कि एक नाम संघ की ओर से तय कर दिया गया है. खैर कैबिनेट में तो कुछ ही हैं जो अंदर आएंगे और बाहर जाएंगे, लेकिन निगम-मंडल-आयोग में जगह पाने के लिए बड़ी जगह है. इसी खाली जगह में जगह बनाने के लिए वो नेता भी लग चुके हैं, जो कैबिनेट में जगह पाने से वंचित रहे, वो इस जगह अपनी जगह जमा सकते हैं.
जगह पाने और जमाने के इस क्रम में जोड़-तोड़ की राजनीति भी चलेगी, क्योंकि इस क्रम में वे नेता भी सक्रिय हो गए जो दूसरे दल से उम्मीदों के साथ कुछ पाने आए हैं. अब किसे, कहां और कितना मिलेगा ? इसके लिए अभी थोड़ा और इंतज़ार करना होगा.