देश की मंडियों में कपास की आवक होने के साथ ही हाजिर बाजार में कपास की कीमतों (Cotton Price) में गिरावट आने लगी है. पिछल एक सप्ताह में कपास की कीमत करीब 4 फीसदी तक गिर गई है. भाव प्रति गांठ गिरकर 43,000 रुपये प्रति गांठ हो गया है. इंटरनेशनल मार्केट में बिकवाली और देश में इस साल अच्छी फसल होने की संभावना से कपास के भाव दबाव में आया है. अगर एक्सपर्ट की माने तो कॉटन का ये रेट धीरे-धीरे गिरकर 40,000 रुपये प्रति गांठ तक आ सकता है.
भारत में इस बार कपास का रकबा 7 फीसदी बढ़ा है. 2 सितंबर तक 125.70 लाख हेक्टेयर में इसकी बुआई हो चुकी है. पिछले साल की समान अवधि में 117.7 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई थी. भारत के हाजिर बाजार के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में आईसीई कॉटन दिसंबर वायदा में भी बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई है और भाव 9.6 फीसदी की गिरावट के साथ 103.21 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ है.
क्या होगा आगे?
ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव के मुताबिक चीन में लॉकडाउन और अमेरिका में मंदी की घबराहट से कमोडिटी मार्केट दबाव में है. यादव का कहना है कि अब कॉटन की वैश्विक सप्लाई में गिरावट आएगी. वहीं, दुनियाभर में संभावित मंदी से आगे मांग कम हो सकती है. हालांकि अमेरिका, ब्राजील और पाकिस्तान में कॉटन की फसल को भारी नुकसान हुआ है. अमेरिका में सूखे की वजह से 1 मिलियन मीट्रिक टन फसल कम रहने की संभावना है तो पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से 0.5 मिलियन मीट्रिक टन कपास कम होने का अनुमान है. इससे लंबी अवधि में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉटन का आउटलुक पॉजिटिव रहेगा.
कपास की आवक शुरू
देश के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों, खासकर उत्तर भारत में, कपास की आवक शुरू हो चुकी है. हरियाणा के पलवल जिले में 2022-23 सीजन के लिए कपास की आवक समय पूर्व शुरू हो चुकी है. हालांकि, अभी नई कपास की कुल दैनिक आवक 500 गांठ (170 किलोग्राम) से कम ही है. हरियाणा और राजस्थान में नई कपास का भाव लगभग 9,900-10,000 रुपये क्विंटल बोला जा रहा है. सितंबर 2022 के पहले हफ्ते से हरियाणा और पंजाब की मंडियों में आवक बढ़ने की उम्मीद है. अक्टूबर 2022 के पहले हफ्ते से दक्षिण भारत की मंडियों में कपास आने की संभावना है.