नौतपा… वैसे इस अवधि को मान्यता अनुसार गर्मी सीजन का सबसे गर्म दिन माना जाता है, लेकिन हमारे जिले में स्थिति हमेशा विपरीत रहती है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वर्ष 2003 से लेकर 2022 तक 20 साल में एक बार भी नौतपा पर लू के हालात नहीं बने हैं, यानी औसतन पारा 45 डिग्री तो दूर 44 पर भी नहीं पहुंचा।
औसतन तापमान 42-43 डिग्री के आसपास ही रहा। इस दौरान कई साल 25 मई से 2 जून के बीच बारिश भी हुई। इस बार भी ऐसा ही अनुमान मौसम विभाग ने लगाया है। रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश करते ही गुरुवार से नौतपा की शुरूआत हो जाएगी।
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि जब दिन का तापमान 45 डिग्री या उससे ज्यादा हाे या सामान्य से 4.5 डिग्री या अधिक हाे ताे लू चलना माना जाता है। लेकिन नौतपा में कभी ऐसे हालात नहीं बने है। इस बार भी पारा 44 डिग्री से कम रहने का अनुमान है।
2 जून तक लू के आसार नहीं है। नौतपा में स्थिति विपरीत क्यों रहती है, इसको लेकर दैनिक भास्कर ने मौसम वैज्ञानिक से चर्चा की तब कई तथ्य सामने आए। जिसके कारण नौपता में मौसम बदलता है और बारिश होती है।
जानिए, आखिर नौतपा में क्यों बदल जाता है मौसम
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि भले ही छत्तीसगढ़ मंे मानसून जून के दूसरे सप्ताह मंे दस्तक देती है, लेकिन देश के कई हिस्सों में 16 मई से प्री मानसून या कहें मानसूनी बादल सक्रिय हो जाते है। इसी के साथ बारिश का दौर शुरू हो जाता है। जिसके प्रभाव से मौसमी सिस्टम बनते है, जैसे अभी पश्चिमी विक्षोभ और द्रोणिका सक्रिय है। अरब सागर से नमीयुक्त हवा ज्यादा मात्रा में आएगी तो बारिश की संभावना बढ़ जाएगी। मानसून एक-दो दिन के अंदर अंडमान प्रवेश करेगा यानी नौतपा में ही। जिसके असर से यहां बारिश की संभावना बढ़ जाएगी।
अनुमान: इस बार नौतपा में 42 डिग्री से कम रहेगा पारा
बुधवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार नौतपा यानी 25 मई से 2 जून के बीच अधिकतम तापमान 42 डिग्री से कम रहेगा। धूप के बीच बादल छाए रहेंगे। 27 मई से बौछारें पड़ सकती है। 27 व 28 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। जबकि इसके पहले व बाद में तापमान 40 डिग्री या इससे ज्यादा रहेगा। नौतपा अवधि में पिछले 20 में से 10 साल दिन का पारा 43 डिग्री से ज्यादा रहा लेकिन बारिश भी हुई। तापमान में गिरावट के साथ बारिश शुरू हो जाता है।
इसे लेकर मान्यता और मौसम विभाग का तर्क
अर्जुन्दा के पं. मिथलेश शर्मा ने बताया कि हिंदू पंचांग में मान्यता है कि सूर्य जब रोहणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो नौतपा शुरू हो जाता है। सूर्य 15 दिन रोहणी नक्षत्र में रहता है। शुरुआती 9 दिन अच्छी गर्मी पड़ती है। मान्यता है कि अगर नौतपा में अच्छी तपन हुई तो बारिश भी अच्छी होगी। दूसरी ओर मौसम वैज्ञानिक मानते है कि नौतपा के दौरान सूर्य व पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती है। इस वजह से सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती है इसलिए अधिक गर्मी पड़ती है। लेकिन नौतपा मंे पिछले कई साल का ट्रेंड है कि बौछारें पड़ती है।