मोबाइल चोरी या लूट होने पर उसकी तलाश आसान हो गई है। चोरी के मोबाइल पर जैसे ही नया सिम कार्ड डालकर उसे चालू किया जाएगा, सिम जिसके नाम पर इश्यू हुआ है उसका नाम, पता और नया मोबाइल नंबर पुलिस के पास पहुंच जाएगा। उसके बाद पुलिस सीधे उससे संपर्क करेगी। देशभर में मोबाइल चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने ‘संचार साथी’ पोर्टल लांच किया है।
यही पोर्टल मोबाइल फोन के ट्रैकर के रूप में काम करेगा। रायपुर में रोज 15 से ज्यादा मोबाइल चोरी या गुम हो रहे हैं। टेलीकॉम कंपनी के इस पोर्टल को रायपुर के सीसीटीएनएस पोर्टल से लिंक कर दिया गया है। टेलीकॉम कंपनी ने 8 दिन पहले ही देशभर में संचार साथी पोर्टल लांच किया है।
अब मोबाइल गुम या चोरी होने पर पीड़ित जैसे ही संचार साथी पोर्टल में अपनी जानकारी अपलोड करेंगे, उनका फोन टेलीकॉम कंपनी के ट्रैकर में आ जाएगा। चोरी के फोन में जैसे ही नया सिम लगाकर उसे चालू किया जाएगा रायपुर के सीसीटीएनएस पोर्टल पर जानकारी आ जाएगी कि मोबाइल को किसने और कहां चालू किया है।
सीसीटीएनएस पोर्टल पूरी जानकारी पुलिस के पास भेजेगा। उसके बाद पुलिस अपने स्तर पर चोरी का मोबाइल चलाने वाले तक पहुंच जाएगी। टेलीकॉम कंपनी के अफसरों का दावा है कि पोर्टल लांच होने के 8 दिन के भीतर ही देशभर में 5 लाख से ज्यादा गुम मोबाइल को ब्लॉक कराया जा चुका है। इसमें से 2.48 लाख मोबाइल को पुलिस की मदद से ढूंढ़कर निकाल लिया गया है। कंपनी के निदेशक अनुपालन अधिकारी नीरेश शर्मा ने बताया कि यह एक नागरिक केंद्रित पोर्टल है।
ये पोर्टल जो ढूंढेगा आपका मोबाइल – https://sancharsaathi.gov.in
संचार साथी पोर्टल टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर और लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है। इस पोर्टल में जाकर कोई भी अपने मोबाइल या सिम संबंधित शिकायत अपलोड कर सकते हैं। इसमें कई विकल्प दिए गए हैं। मोबाइल चोरी, गुम या लूट हो जाने पर उसके आईएमईआई नंबर को पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। इसके साथ ही पुलिस शिकायत की एक कॉपी और मोबाइल की बिल भी अपलोड करना होगा। कुछ घंटे के भीतर ये फोन पर अन्य नेटवर्क ऑपरेटर्स को ब्लॉक कर देता है। उसे बाद कोई इस फोन का उपयोग करने का प्रयास किया गया तो जिनके नाम का सिम कार्ड लगाया गया है उसके नाम-पते के साथ लोकेशन संबंधी जानकारी लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी को मिल जाएगी। जिसे शिकायत करने वाले और पुलिस को शेयर किया जाएगा। पुलिस के सीसीटीएनएस पोर्टल में सीधे जानकारी जाएगी। वहां से साइबर सेल तक सूचना पहुंचेगी। उसके बाद पुलिस लोकेशन पर छापा मारकर मोबाइल जब्त करेगी।
पोर्टल में मोबाइल की जानकारी अपलोड करने ये भी जरूरी
- आपके मोबाइल का बिल
- मोबाइल का आईएमआई नंबर
- पुलिस में दर्ज केस की कॉपी
30 थानों में हर दूसरे दिन एक अर्जी
राजधानी के 30 थानों में औसतन हर दूसरे दिन एक मोबाइल गुम, चोरी या लूट की शिकायत दर्ज करायी जा रही है। यानी हर रोज औसतन 15 मोबाइल चोरी या गुम हो रहे हैं। थानों में शिकायत दर्ज करने के बाद उसे जांच के लिए साइबर सेल भेजा जाता है। सेल के माध्यम से मोबाइल की हाईटेक तरीके से तलाश की जाती है। पिछले माह 151 लोगों का फोन पुलिस ने ढूंढ़कर लौटाया है।
एक दर्जन मोबाइल लूट का भी खुलासा किया है।
आधार से पता चलेगा कितने सिम इश्यू हुए
आपके आधार कार्ड को चुराकर किसी ने मोबाइल सिम तो इश्यू नहीं करवा लिया है? ऐसा करने वाला आपके नाम के सिम का दुरुपयोग तो नहीं कर रहा है? यानी आपके नाम से कितने सिम चल रहे हैं, ये भी खुद देख सकते हैं। इसके लिए आपको पोर्टल में आधार नंबर डालना होगा। इसके अलावा दूरसंचार में आने वाली दिक्कतों से संबंधित शिकायत भी कर सकते हैं।
मोबाइल तलाश करने में मिलेगी मदद
साइबर सेल के टीआई गौरव तिवारी का कहना है टेलिकॉम कंपनी के नए पोर्टल की मदद से मोबाइल तलाश करने में दिक्क्त नहीं होगी। अभी कई मोबाइल कंपनियों से संपर्क करना पड़ता है। इस पोर्टल से हमें सीधे जानकारी मिल जाएगी कि चोरी या गुम हुआ मोबाइल अभी कहां चल रहा है।