प्रदेश में चुनाव नजदीक आ रहा है इसमें सभी पार्टी अपने अपने जोर अजमाइश में लगे हैं जिसमें विपक्षी पार्टी को मुद्दा कम दिखते हैं सरकार को घेरने के लिए तभी तो किसी ना किसी गैर राजनैतिक संगठन के सहारे सत्ता के कुर्सी पर बैठना चाहते उन्हें तो पका पकाया आम मिल जाता बस उन्हें थोड़ा छीलने की ही मेहनत करनी पड़ती लेकिन यह राजनैतिक परिभाषा तक ही सीमित है अगर ऐसा अभी तक सही हो रहा होता तो आज जिला मुंगेली के लगभग छः सौ महिलाओं की पीड़ा सरकार को क्यों नहीं सुनाई दे रही है विपक्ष हाथ में हाथ धरा बैठा है क्या विपक्ष को गैर राजनैतिक संगठन के धरना-प्रदर्शन आंदोलन की इंतजार रहता है कब धरना प्रदर्शन आंदोलन करें वहां विपक्षी भूमिका में फ़ोटो खिंचवाने पहुंच जाते हैं जबकि इस प्रकार की बातों को सत्ता पक्ष और विपक्ष को सदन में चर्चा परिचर्चा कर लेते तो आज यह दिन देखनें नहीं मिलते,आज की महिलाओं की स्थिति धरना स्थल से लेकर पैदल मार्च तक बहुत ही उग्रता पूर्ण रहा बरसात की तपती गर्मी में अपने छोटे छोटे बच्चों कों लेकर अपने साथ हो रहे नाइंसाफी की आवाज सरकार तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, इनका आरोप है 8घंटो से ज्यादा काम करते हैं मानदेय बहुत कम है हमारे पास एंड्राइड मोबाइल नही है सरकार की आदेश है एंड्राइड से काम करो कम वेतनमान में यह कैसे संभव होगा, पूर्व में सरकार के द्वारा मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया गया था जो अभी तक अधूरा दिख रहा हैं, सरकार हमारे द्वारा बिना छुट्टी किये लगातार सात दिन कर रहे कार्य पर कम मानदेय देकर हमे मजाक बना कर रखा है रोड में कुछ विपक्षी दल के नेताओं ने भी महिला समूह को अपना समर्थन दिया महिला समूह बिहान के सभी कैडरो ने एक स्वर में सरकार की नीतियों का विरोध किया, आक्रोशित महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई, आक्रोशित महिलाओं ने अपनी मांगों की पूरी नही होने तक धरना प्रदर्शन आंदोलन जारी रखने की बात कही,जिसमे प्रमुख रूप से एन आर एल एम कैडर्स,पी आर पी,आर बी के, बैंक मित्र, सक्रिय महिला, कृषि मित्र और पशु सखी के महिला समूहों ने शामिल रहा