छत्तीसगढ़ में पिछले एक हफ्ते में काफी तेजी से फैले कंजक्टिवाइटिस (आंख आना या लाल बंगला) को मेडिकल इमरजेंसी मान लिया गया है। सीएम भूपेश बघेल ने अपने निवास पर शुक्रवार को प्रदेश के आला अफसरों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। बैठक के बाद बताया गया कि सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में कंजक्टिवाइटिस की दवा निशुल्क बांटने की व्यवस्था कर ली है। उच्चस्तरीय बैठक के बाद सीएम भूपेश ने लोगों को सलाह दी कि इससे डरे नहीं, लेकिन अगर संक्रमण हुआ है तो भीड़ वाले स्थानों पर जानें से बचें।
सीएम ने कहा कि अस्पतालों में कंजक्टिवाइटिस के मरीजों का प्राथमिकता के साथ इलाज किया जाए। स्कूलों में भी यदि किसी बच्चे को कंजक्टिवाइटिस हो तो उसे घर पर ही रहने कहा जाए। इस दौरान सीएम ने अस्पतालों में कंजक्टिवाइटिस के मरीजों की जांच, इलाज और दवाइयों के संबंध में जानकारी भी ली। सीएम ने कहा कि कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों का सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। अफसरों ने बताया कि अस्पतालों में जांच और उपचार की पूरी सुविधा है। दवाइयां भी पर्याप्त है और मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां दी जा रही हैं।
सिंहदेव ने कहा- स्कूल बंद करने की जरूरत नहीं
सीएम की समीक्षा के बाद उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी सर्किट हाउस में विभागीय अफसरों की बैठक लेकर इसकी पूरी जानकारी ली। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसे ध्यान में रखते हुए स्कूल बंद करने की जरूरत नहीं है। हर साल यह होता है लेकिन इस बार के वायरस में संक्रमण ज्यादा है। इसलिए सावधानी रखना जरूरी है। दुर्ग, रायपुर में ज्यादा मरीज मिले थे। उन्होंने कहा कि लोग मेडिकल स्टोर से स्वयं स्टेराइड दवाईयां लेकर आंखों में डाल रहे हैं, ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है।
सिर्फ सावधानी की जरूरत
आंखों में संक्रमण हो गया तो आपरेशन नहीं किया जाए।
बिना दवा के यह तीन से सात दिन में ठीक हो जाता है।
आंखों में तकलीफ या धुंधलापन हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
लोगों से हाथ मिलाने से बचें, आंखों तक हाथ न ले जाएं।
संक्रमित आंखों को सिर्फ देखने से यह बीमारी नहीं फैलती।