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सोशल मीडिया से मिली बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने की जानकारी:लोकसभा जाने की तैयारी पर लता उसेंडी ने कहा-वक्त आने पर पता चल जाएगा

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लता उसेंडी, किसान महिला (जैसा कि उन्होंने शपथ पत्र में लिखा है-कृषि और डेयरी व्यवसाय) अब भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी चेहरा और महिला दोनों..। बस्तर की 12 सीटों पर नेतृत्व का असर दिखाने का भी मौका। इसका असर लोकसभा तक उन्हें आगे लेकर जाएगा।

लता उसेंडी से जब सीधा सवाल किया गया– क्या आपको लगता है कि छत्तीसगढ़ से आपका नाम आने का मतलब है कि आपको लोकसभा ले जाने की तैयारी है? जैसा लोग कह रहे हैं?

लता उसेंडी ने सीधा जवाब दिया– वक्त आने दीजिए, पता चल जाएगा। वैसे भी भारतीय जनता पार्टी में निर्णय पार्टी करती है, व्यक्ति नहीं।
ये बेहद सधा हुआ जवाब था, लेकिन इंकार नहीं। राजनीति में दो ही चीजें होती हैं या तो इंकार होता है या फिर मौन। वे मौन रह गईं।

बहरहाल, उन्होंने ये जरूर कहा कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद मिलना गौरव की बात है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी। लता कहती हैं- “मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी और सरोज पांडेय जी के साथ मेरा नाम आया है। पार्टी का मुझ पर ये भरोसा मेरी बड़ी जिम्मेदारी है।”

इस लाइन के अपने मायने हैं। छत्तीसगढ़ के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध चेहरे की कतार में उनका नाम आने वाले समय की राजनीति के संकेत हैं। पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का उन्हें मौका मिला है। उनके पिता मंगलराम उसेंडी विधायक रह चुके हैं। उनके बाद वे विधायक बनीं, मंत्री बनीं और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष।

सोशल मीडिया से मिली जानकारी, जब बधाइयां मिलने लगीं
लता उसेंडी कहती हैं कि मुझे जरा सी भी जानकारी नहीं थी कि मुझे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। न तो मुझसे पहले किसी ने बात की थी और न ही ऐसा कोई संकेत था। मैं सोशल मीडिया देख रही थी कि अचानक एक बधाई का संदेश आया। इसके तुरंत बाद एक कार्यकर्ता ने फोन किया और मुझे पता चला कि मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाई गई हूं।

बस्तर में काम करना चाहती हूं
उन्होंने आगे कहा कि मुझे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जरूर बनाया गया है। मैं जिम्मेदारी निभाऊंगी, लेकिन बस्तर को आगे ले जाना मेरी प्राथमिकता में है। बस्तर की शिक्षा, आदिवासी और विकास, ये तीन पैमाने हैं, जिन पर काम करना चाहूंगी। मगर लता उसेंडी ने आने वाले विधानसभा को लेकर चुप्पी साध ली और फिर सधा सा जवाब-जो पार्टी बोलेगी, वो करूंगी।

बस्तर में अब केदार के साथ लता भी चेहरा
अभी तक बस्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरे में केदार कश्यप प्रमुख नाम थे, लेकिन अब लता उसेंडी भी उनमें शामिल हो गई हैं। ये नाम उस समय आया है जब प्रदेश प्रभारी ओम माथुर पूरे बस्तर को एक महीने तक मथ चुके हैं। इस मंथन के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लता उसेंडी को जगह मिलना दर्शाता है कि आने वाला समय उनके लिए अच्छा है।

अभी बस्तर में भाजपा का एक भी विधायक नहीं
एक समय था जब पूरे बस्तर में भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे, लेकिन आज एक भी विधायक भाजपा का नहीं है। पिछले चुनावों के खराब प्रदर्शन के बाद नए सिरे से चेहरों को स्थापित किया जा रहा है। बस्तर में ये ऐसा ही एक कदम बताया जा रहा है।

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