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तीन IPS अफसरों का तबादला….काफी फेमस थी इंजीनियर आईपीएस की तिकड़ी, एएसपी बनाकर भेजा गया बस्तर

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छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय ने दुर्ग जिले में पदस्थ तीनों युवा आईपीएस निखिल अशोक कुमार राखेचा, बैंकर वैभव रमनलाल और प्रभात कुमार को प्रमोट कर बस्तर संभाग भेज दिया है। तीनों आईपीएस जिले में काफी फेमस थे। इन्होंने जिले के क्राइम को काफी कंट्रोल किया था। अब इनकी जगह पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को पदस्थ किया गया है।

छत्तीसगढ़ शासन ने तीन आईपीएस और तीन राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया है। इसमें एक आईपीएस अधिकारी के तबादला आदेश का संशोधन आदेश जारी किया गया है। और एक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को रायपुर भेजा गया है। 2019 बैच के IPS प्रभात कुमार के तबादले में संशोधन करते हुए उन्हें सीएसपी छावनी से एएसपी सुकमा बनाया गया है। वहीं IPS बैंकर वैभव रमनलाल को सीएसपी दुर्ग से एएसपी बीजापुर बनाया गया है।

IPS निखिल अशोक कुमार राखेचा को सीएसपी भिलाई नगर से एएसपी नारायणपुर बनाया गया है। इनकी जगह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को पदस्थ किया गया है। कोरबा सीएसपी विश्वदीप दीपक त्रिपाठी को सीएसपी भिलाई नगर बनाया गया है। इसी तरह डीएसपी मुख्यालय दुर्ग मणिशंकर चंद्रा को सीएसपी दुर्ग बनाया गया है।

पहली बार जिले में भेजी गई थी इंजीनियर आईपीएस की तिकड़ी

दुर्ग जिले में पहली बार तीन युवा आईपीएस को टाउन सर्किल का सीएसपी बनाकर भेजा गया था। छावनी, दुर्ग और भिलाई नगर सर्किल की जिम्मेदारी संभालने वाले तीनों आईपीएस इंजीनियर थे। यही कारण है कि इन्होंने टेक्निकल तरीके से दुर्ग जिले की क्राइम को काफी अच्छे से कंट्रोल करके रखा हुआ था। इन्होंने इंटर स्टेट क्राइम, अपग्रेडेड पुलिसिंग और डेटो-टेक्नोलॉजी पर काफी काम किया।

पुलिसिंग के सिस्टम को सुधारने पर दिया जोर
भिलाई नगर सीएसपी निखिल राखेचा ने कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई मुंबई से की है। पुलिस फोर्स जॉइन करने के बाद निखिल ने पुलिस सिस्टम को सुधारने पर काफी फोकस किया। दुर्ग में रहते हुए उन्होंने पुलिस की पारदर्शिता को लेकर काफी काम किया। ऑनलाइन पुलिसिंग, हथियार डालने वाली पेटी लगाना, पुलिस विभाग को लेकर ऑनलाइन फीडबैक देना। इस तरह के कई काम उन्होंने किए।

साइबर क्राइम के केस सॉल्व करने में पाई महारथ
आईपीएस प्रभात कुमार ने आईआईटी खड़गपुर से सांख्यिकीय और सूचनाओं पर इंजीनियरिंग की है। वर्तमान में वे टेक्नोलॉजी और डेटा पर वे काम कर रहे हैं। दुर्ग में रहते हुए उन्होंने ऑनलाइन ठगी से लेकर ऑनलाइन सट्टा के ढेरों केस सॉल्व किए हैं। ऑनलाइन ठगी के मामले में प्रभात कुमार की टीम ने तामताड़ा बिहार तक से आरोपी को पकड़ कर ला चुकी है।

इंटर स्टेट क्राइम पर किया फोकस, बेसिक पुलिसिंग को किया मजबूत
दुर्ग सीएसपी रहे आईपीएस बैंकर वैभव ने आईटी (इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी) से अपनी इंजीनयिरिंग की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने दुर्ग में रहते हुए अपराधों की पेंडेंसी को कम करना, ट्रेडिशनल और संगठित अपराध जैसे जुआ, सट्टा और शराब पर लगाम लगाने पर काफी काम किया। इसके साथ ही उन्होंने बेसिक पुलिसिंग को मजबूत करने और मॉनटरिंग के साथ साथ मोटिवेशन से मिनिमम रिसोर्सेस से मैक्जिमम ऑउटकम कैसे लेना है इसको करके दिखाया है।

अमलेश्वर हत्याकांड सुलझाने के बाद चर्चा में आए थे तीनों आईपीएस
अमलेश्वर में कारोबारी सुरेंद्र सोनी की हत्या के मामले में तीनों आईपीएस ने मिलकर काफी अच्छा काम किया था। तीनों अधिकारियों ने अलग-अलग तरीके से अपनी कमान संभाली। घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बिना हाथ वाले अपराधी पर फोकस किया। लावारिस मिली बाइक के आधार पर आधे घंटे में बाइक के मालिक और उसकी पूरी जन्म कुंडली निकाल ली। फास्ट टैग के जरिए अपराधियों को ट्रैक कर इस पूरे मामले को काफी कम समय में सुलझाया। इसके बाद से तीनों आईपीएस जिले में काफी चर्चित हो गए थे।

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