छत्तीसगढ़ में फेमस जय-वीरू यानी कका-बाबा की जोड़ी ने चुनावी कमान संभाल ली है। जगदलपुर में दोनों नेता एक साथ मंच पर नजर आए। साथ बैठे और दोनों ने साथ खाना भी खाया। एयरपोर्ट पर जब पहुंचे तो लोगों ने उन्हें गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया।
जगदलपुर के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोनों यहां से एक साथ सरगुजा के लिए रवाना होंगे और दोपहर 2 बजे दरिमा एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से सोनतराई हेलीपेड से सीतापुर स्टेडियम ग्राउंड पहुंचकर विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।
डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के क्षेत्र में भी आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दौरा होने जा रहा है। दोनों एक साथ एक ही मंच पर दिखाई देंगे। यहां सीएम विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। खास बात ये होगी कि सीएम और डिप्टी सीएम के साथ पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और मंत्री अमरजीत भगत भी इसी मंच पर होंगे।
दौरे के क्या है सियासी मायने
टीएस सिंहदेव के क्षेत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस दौरे के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में जब भी ये जोड़ी साथ दिखाई देती है, तब राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ जाती है। जय टीएस सिंहदेव और वीरू सीएम भूपेश बघेल को कहा जाता है, बदलते समय के साथ अब ये कका और बाबा की जोड़ी कहलाने लगी है लेकिन सियासी गलियारों में दोनों के बीच मतभेद किसी से छिपा नहीं है और अब क्योंकि पार्टी ने टीएस सिंहदेव को प्रदेश का नया डिप्टी सीएम बनाया है तब लोगों के बीच मिलकर चुनाव लड़ने का संदेश देना जरूरी हो गया था।
इससे पहले भी दोनों एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए लेकिन डिप्टी सीएम बनने के बाद टीएस सिंहदेव के ही क्षेत्र में मुख्यमंत्री का दौरा कराकर कांग्रेस ये संदेश देना चाहती है कि चुनाव से पहले पूरी पार्टी एक साथ है। इधर सूबे के खाद्यमंत्री और सीतापुर विधायक अमरजीत भगत में जो आपसी मन-मुटाव रहा, वो भी पूरे साढ़े चार साल तक चर्चा का विषय बना रहा। अभी जब विधानसभा चुनाव नजदीक है तब मन-मुटाव पर पर्दा डालकर साथ-साथ दिखाना जरूरी हो गया है। कहा जा रहा है कि इसलिए सीतापुर इलाके में लगे फ्लैक्स और होर्डिंग्स में सीएम और अमरजीत के साथ टीएस सिंहदेव की तस्वीर भी दिखाई दे रही है।