Home छत्तीसगढ़ नाम जुड़वाया क्या… एपिक बनवाया क्या’:यूथ वोटर्स को जोड़ने के लिए ‘स्वीप...

नाम जुड़वाया क्या… एपिक बनवाया क्या’:यूथ वोटर्स को जोड़ने के लिए ‘स्वीप एसएसआर’ रैप; देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में प्रशासन की पहल

8

देश में पहली बार यूथ वोटर्स को जागरूक करने के लिए छत्तीसगढ़ में अनोखी पहल की गई है। यूथ में रैप सॉन्ग के क्रेज को देखते हुए कांकेर जिला प्रशासन ने एक रैप सॉन्ग तैयार किया है। जिसे ‘स्वीप एसएसआर’ रैप नाम दिया गया है। इसके जरिए नए वोटर्स को नाम जुड़वाने और एपिक कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यूथ ज्यादातर सोशल मीडिया में एक्टिव रहते हैं, लिहाजा उनको इंस्टाग्राम, फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में ये रैप सॉन्ग सुनाई देगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने किया लॉन्च
छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने कांकेर जिला प्रशासन के इस ‘स्वीप एसएसआर रैप’ को लॉन्च किया है। इस दौरान संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी निलेश क्षीरसागर और कांकेर जिले के स्वीप नोडल अधिकारी और जिला पंचायत के सीईओ सुमीत अग्रवाल मौजूद रहे।

कांकेर जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक ‘स्वीप एसएसआर रैप’ संभवतः पूरे देश में अपने प्रकार का पहला ऐसा रैप है, जो विशेष रूप से अभी चल रहे फोटो युक्त मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2023 अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए बनाया गया है। इसके जरिए ज्यादा यूथ वोटर्स को उनका नाम मतदाता सूची में जुड़वाकर आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट करने के लिए जागरूक करना है। इस रैप की विशेष बात यह है कि इसे कांकेर स्वीप टीम ने खुद तैयार किया गया है।

कांकेर के ही लाइवलीहुड कॉलेज में हुई पूरी शूटिंग
‘स्वीप एसएसआर रैप’ की खास बात ये है कि इसकी शूटिंग कांकेर के ही लाइवलीहुड कॉलेज में की गई है। इसमें स्थानीय युवाओं को ही इस जागरूकता वीडियो में लिया गया है। इस रैप के लिरिक्स प्रियंका ने लिखे हैं, म्यूजिक और सिंगिंग अंकित के हैं, डायरेक्शन और फोटोग्राफी कांकेर के ही युवा विकास गुप्ता ने किया है। कोरियोग्राफी गोपाला सोनी का है।

यूथ गैदरिंग वाली जगहों पर किया जाएगा फोकस
जिले में ऐसी जगह जहां यूथ क्राउड ज्यादा आता है, वहां ये रैप सॉन्ग बजाया जाएगा। इसके लिए कॉलेज, जिम, रेस्टोरेंट और कैफे चुने गए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा यूथ इससे कनेक्ट कर सकें। इसके अलावा उन जगहों में भी जहां यूथ गैदरिंग ज्यादा होती है वहां भी जिला प्रशासन इस रैप सॉन्ग के जरिए युवाओं को जागरूक करने के लिए ये वीडियो चलाएगा।

रैप सॉन्ग ही क्यों ?
कांकेर जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक यूथ वोटर्स उन चीजों से ज्यादा प्रभावित होते हैं, जिनसे वे सीधे कनेक्ट कर पाते हैं, रैप सॉन्ग का भी क्रेज युवाओं में है और इसलिए स्थानीय युवाओं को ही इसे तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई और जिला प्रशासन ने रैप सॉन्ग के लिरिक्स और शूटिंग के लिए मदद की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here