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रेलबंदी के खिलाफ कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन….भाजपा के इशारे पर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रहा रेलवे, यात्री हितों से कर रहा खिलवाड़, 12 को करेंगे प्रदर्शन

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छत्तीसगढ़ में रेलबंदी के फैसले का एक बार फिर से विरोध शुरू होने लगा है। कांग्रेस नेता व नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक अमित तिवारी का दावा है कि भाजपा के इशारे पर रेल प्रशासन उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश के रेलयात्रियों के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव कर रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल, भाजपा को छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। लेकिन, अब कांग्रेस चुप नहीं रहेगी। रेलबंदी के खिलाफ 12 सितंबर को बिलासपुर में रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।

नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अमित तिवारी ने कहा कि कोरोना का संक्रमण खत्म होने के बाद भी छत्तीसगढ़ में रेल प्रशासन द्वारा भेदभाव पूर्वक बर्ताव कर ट्रेनों को बंद कर दिया गया था, जिसके बाद कोयला ढुलाई के नाम पर सैकड़ों ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया। स्थिति यह है कि पिछले दो साल से रेलवे केवल यात्री ट्रेनों को निरस्त कर रहा है। जबकि, माललदान का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 21 सितम्बर 2022 को नागरिक सुरक्षा मंच ने महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव किया था। इस दौरान रेल प्रशासन ने प्रतिनिधि मंडल को चर्चा के लिये आमंत्रित किया। रेल्वे के उच्चाधिकारी ने चर्चा के दौरान इन अनियमितताओं को स्वीकार किया था और एक माह के अन्दर इन समस्याओं के निराकरण करने का भरोसा दिलाया था

एक साल बाद भी स्थिति नहीं बदली, एक महीने में 250 ट्रेनों को किया कैंसिल
रेल अधिकारियों के आश्वासन के एक साल बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दरअसल, भाजपा के इशारे पर रेल प्रशासन उद्योगों के लिए काम कर रहा है। यही वजह है कि रेल प्रशासन को आम जनों की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है। पिछले अगस्त महीने में ही रेलवे ने 250 से अधिक ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। वहीं, ट्रेनों की लेटलतीफी जैसी समस्या से भी यात्री जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर की जनता को बड़े आन्दोलनों का निर्णय लेना पड़ सकता है।

रेलवे की प्राथमिकता में है माल लदान
अमित तिवारी ने कहा कि रेल आम जनता के लिए सर्वाधिक किफायती एवं सुविधाजनक यातायात माध्यम है, जिसे रेल्वे अपनी आय बढ़ाने और चंद व्यवसाईयों को लाभ पहुंचाने की नियत से माल ढुलाई को ज्यादा प्राथमिकता दे रहा हे। कोयला लदान वाली गाड़ियों का पटरियों पर बेखौफ दौड़ना, इस बात की पुष्टि करता है। माल गाड़ी को क्लीयरेंस देने के लिए यात्री गाड़ियों को घंटो-घंटो एक स्थान पर रोक दिया जाता है, जो कि रेल यात्रियों के लिये परेशानी का सबब बन जाता है।

12 सितंबर को उसलापुर में करेंगे रेल रोको आंदोलन
अब छत्तीसगढ़ की जनता रेल्वे की नौकरशाही रवैये को बर्दाश्त नहीं करेगी। आम जनता की इन्ही परेशानियों को महसूस करते हुए नागरिक सुरक्षा मंच एवं जिला युवक कांग्रेस ने रेल प्रशासन के तुगलकी निर्णय का विरोध करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत 12 सितंबर को दोपहर 12.00 बजे उसलापुर में रेल रोको आन्दोलन किया जाएगा। इस आन्दोलन को सामाजिक संगठनों, राजनीतिक संगठनों, व्यापारी, छात्र संगठन सहित बिलासपुर, कोरबा, चांपा-जांजगीर,अकलतरा,सक्ती खरसिया,बिल्हा सहित इस रेल रूट के आने वाले सभी रेल्वे स्टेशनों के नागरिकों ने भी समर्थन दिया है।

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