स्कूल शिक्षा विभाग में प्रमोशन के बाद संशोधन पदस्थापना आदेश निरस्त होने के साथ ही अब अटैचमेंट में दूसरे विभागों में पदस्थ शिक्षकों पर गाज गिरने लगी है। कलेक्टर ने सोमवार को आदेश जारी कर दूसरे विभाग में गैरशिक्षकीय कार्य से अटैचमेंट सभी शिक्षकों उनके मूल विभाग में भेजने का आदेश जारी किया है। बता दें कि जिले में 200 से अधिक टीचर स्कूल में पढ़ाना छोड़कर दूसरे विभाग का काम देख रहे हैं।
दरअसल, जिले के दूरदराज स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों ने अपना अटैचमेंट मुख्यालय में करा लिया है। इसके तहत जिला पंचायत, समाज एवं कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल संप्रेक्षण गृह, बालिका संप्रेक्षण गृह, जिला व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, राजस्व कार्यालय सहित दूसरे विभाग में अटैच होकर टीचर गैरशिक्षकीय व दफ्तर का काम कर रहे हैं, जिससे स्कूल की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसकी वजह से कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी हो गई है।
कलेक्टर बोले- अटैचमेंट उचित नहीं है
कलेक्टर संजीव कुमार झा ने सोमवार को सभी विभाग प्रमुखों को आदेश जारी किया है, जिसमें उन्हें गैरशिक्षकीय कार्य से संलग्न सभी शिक्षकों को तत्काल उनके मूल विभाग में भेजने के लिए कहा है। उन्होंने आदेश में कहा है कि विभिन्न कार्यालयों में शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों को अटैच किया गया है, जिसके कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई और पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह उचित नहीं है।
कलेक्टर की सख्ती से शिक्षकों में हड़कंप
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रमोशन घोटाला होने के बाद प्रदेश भर के शिक्षकों के प्रमोशन व पदस्थापना के लिए जारी संशोधित आदेश को निरस्त कर दिया है। इसमें बड़ी संख्या में बिलासपुर संभाग के भी टीचर हैं। दूसरी ओर कलेक्टर ने भी अटैचमेंट शिक्षकों पर सख्ती दिखाते हुए उन्हें स्कूलों में भेजने का आदेश दिया है, जिसके बाद से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है
संभाग के 799 शिक्षकों के संशोधन पदस्थापना निरस्त
बिलासपुर संभाग में 2785 शिक्षकों को पदोन्नति दी गई थी। स्कूलों में पोस्टिंग देने के लिए काउंसलिंग की गई, जो चार स्तर पर हुई थी। इस बीच 159 शिक्षकों ने पदस्थापना आदेश संशोधन के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद अफसरों व कर्मचारियों ने लेनदेन कर संशोधित आदेश जारी कर दिया। 1986 शिक्षकों ने संयुक्त संचालक द्वारा जारी आदेश स्थान पर कार्यभार भार ग्रहण कर लिया। वहीं, गुपचुप तरीके से 799 शिक्षकों का संशोधित पदस्थापना जारी कर दिया गया। प्रमोशन पदस्थापना में अनियमितता उजागर होने के बाद जांच हुई और गड़बड़ी सही पाए जाने पर जॉइन डायरेक्टर एसके प्रसाद व एक क्लर्क विकास तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, अभी मामले की जांच चल रही है।