छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू होगी। इसी दिन से मक्का खरीदी भी की जाएगी। धान खरीदी 31 जनवरी और मक्का खरीदी 28 फरवरी तक चलेगी। किसानों से धान खरीदी के लिए बायोमैट्रिक व्यवस्था की जा रही है। सरकार इस साल प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेगी और 125 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। शनिवार को रखी गई मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आगामी खरीफ फसल की धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने के लिए गठित मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक रखी गई। मंत्री भगत ने बताया कि केंद्रीय खाद्य विभाग के निर्देश पर इस साल प्रदेश में बायोमैट्रिक आधारित धान खरीदी व्यवस्था लागू की जाएगी।
ये है समर्थन मूल्य
केंद्र सरकार द्वारा औसत अच्छी किस्म के धान और मक्का के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। धान कॉमन के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य 2183 रुपए और ग्रेड-ए धान के लिए 2203 रुपए प्रति क्विंटल के मान से धान खरीदी की जाएगी। इसी तरह मक्का प्रति क्विंटल 2090 रुपए के भाव से खरीदी की जाएगी।
इस साल 2617 धान खरीदी केन्द्र
प्रदेश में किसानों के धान विक्रय में सहूलियत को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। किसानों की मांग पर इस साल और भी कुछ धान उपार्जन केन्द्र खुलेंगे। वर्तमान में 2617 धान उपार्जन केंद्र संचालित हैं। पिछले साल राज्य के 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया था।
7.5 लाख बारदाने की होगी जरूरत
प्रदेश में पिछले साल ढाई लाख नए किसानों ने पंजीयन करवाया था और रिकॉर्ड 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल भी किसानों की संख्या बढ़ने की संभावना है। 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। इस साल लगभग साढ़े सात लाख बारदाने की जरूरत होगी। इसमें 4.03 लाख नए और 3.43 लाख गठान पुराने बारदाने की जरूरत पड़ेगी। बारदाने की व्यवस्था के लिए खाद्य विभाग द्वारा पहले से ही तैयारी की जा रही है।
अगली सरकार में 3600 रु प्रति क्विंटल धान खरीदी का वादा
मंत्री रविन्द्र चौबे ने वादा किया है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों को 3600 रु. प्रति क्विंटल धान की कीमत मिलेगी। 30 फीसदी MSP बढ़ने के हिसाब से सरकार के अगले कार्यकाल में किसानों को मिलने वाली धान की कीमत 3600 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगी। किसानों को इसका लाभ अगले साल से मिलने लगेगा।