राज्य सरकार ने शहरी इलाकों में आवासहीन लोगों को उनकी काबिज भूमि का नि:शुल्क पट्टा देने का निर्णय लिया है। इसके तहत ऐसे आवासहीन लोग जो 20 अगस्त 2017 से सरकारी भूमि पर लगातार काबिज हैं, उनको ही नि:शुल्क पट्टा दिया जाएगा।
नगर निगम क्षेत्र में आवासहीन व्यक्ति 600 वर्ग फीट और नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में 800 वर्ग फीट से कम के सरकारी भूमि के पट्टे दिए जाएंगे, लेकिन जल संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों व सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय को मानना होगा, जो भी नए पट्टे जारी किए जाएंगे, सभी निःशुल्क होंगे और इन्हें रियायती पट्टा माना जाएगा।
नगरीय निकाय, संपत्ति व अन्य कर के विषय में अपने नियम के अनुसार निर्णय ले सकेंगे। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इसकी अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है। इसके तहत पट्टा भूमि आवासीय प्रयोजन में उपयोग की जाएगी। यदि पट्टाधारी द्वारा पट्टा भूमि का उपयोग गैर-आवासीय प्रयोजन के लिए किया जाता है, तो पट्टा निरस्त किया जा सकेगा। हालांकि, इसके पहले सुनवाई का अवसर दिया।
हर क्षेत्र का अपना रजिस्टर होगा
हर क्षेत्र के लिए एक रजिस्टर तैयार किया जाएगा। अफसर क्षेत्र के हर कुटुंब के स्वामित्व वाली जमीन को दिखाने के लिए स्थल योजना तैयार करवाएगा। ऐसे क्षेत्रों का भुवन या मुक्त स्रोत से नक्शे के आधार पर प्राधिकृत अफसर एक ले- आउट तैयार करेगा। साथ ही हर भू खंड का सर्वे भी करेगा और रजिस्टर में ऐसे आवासहीन लोगों का मामला पंजीकृत किया जाएगा, जिसे भूमि का पट्टा दिया जाना है।