छत्तीसगढ़ में चल रहे सूबेदार- एसआई भर्ती एग्जाम में एक और गड़बड़ी सामने आई है। फिजिकल टेस्ट शीट में टेम्परिंग कर प्रतियोगी के अंक में कटौती कर उसे भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। प्रतियोगी की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने भर्ती कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सूबेदार-एसआई भर्ती प्रक्रिया में शामिल प्रतियोगी मितेश कुमार ने एडवोकेट अभिषेक पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। ठसमें बताया है कि साल 2021 में पुलिस महानिदेशक (DGP) ने पुलिस विभाग में सूबेदार-सब-इन्सपेक्टर के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कराई। इस परीक्षा में शामिल याचिकाकर्ता भी शामिल हुआ। उसने 20 जुलाई को रायपुर के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में फिजीकल टेस्ट दिया, जिसमें उसे लंबी कूद में 12 अंक एवं अन्य सभी इवेन्टस में 300 अंकों में से 96 अंक देकर फिजीकल टेस्ट में उत्तीर्ण घोषित किया। अचानक नौ दिन बाद मितेश के मोबाइल पर कॉल आया और उसे दोबारा बुलाकर उसके फिजीकल शीट पर दबावपूर्वक हस्ताक्षर लेकर उसे फेल कर दिया गया।
जब नंबर कम हो सकता है तो बढ़ भी सकता है
याचिकाकर्ता छात्र के एडवोकेट ने कोर्ट को यह भी बताया कि जिस तरह से किसी प्रतियोगी के टेस्ट शीट में टेम्परिंग कर नंबर कम किया जा सकता है, उसी तरह किसी प्रतियोगी को उपकृत करने और उसे परीक्षा में मौका देने के लिए उसके टेस्ट शीट में अंक भी बढ़ाया जा सकता है। इस तरह की प्रक्रिया अवैधानिक है।
अफसरों ने झांसा देकर बुलाया और दबाव डालकर कराया हस्ताक्षर
याचिका में प्रतियोगी छात्र ने बताया है कि पहले उसे फिजीकल टेस्ट में 96 अंकर दिया गया था। इसके कुछ दिनों बाद उसे झांसा देकर बुलाया गया। 29 जुलाई को वह स्वामी विवेकानंद स्टेडियम पहुंचा, तब वहां मौजूद कुछ पुलिस अधिकारियों ने फिजीकल टेस्ट शीट में छेम्परिंग किया और उसके 12 अंक को काटकर शून्य अंक देकर फिजीकल टेस्ट में फेल घोषित कर दिया। छात्र का आरोप है कि इस दौरान अफसरों ने उससे टेस्ट शीट में दबाव डालकर हस्ताक्षर करा लिया। हाईकोर्ट ने इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए भर्ती कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।