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‘क्या करते, मजबूरी थी’, कनाडा वालों के लिए भारत के वीजा सेवाएं रोकने पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

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खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप​ सिंह निज्जर की हत्या पर चल रहे राजनयिक गतिरोध के बीच भारत द्वारा कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा निलंबित करने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि खालिस्तानी तत्वों द्वारा कनाडा में भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावासों पर हिंसा की घटनाओं को देखते हुए यह आवश्यक था. उन्होंने आगे कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिक और अधिकारी अपना काम जारी रखने में असमर्थ हैं, क्योंकि उन्हें लगातार हिंसा की धमकियां मिल रही हैं.

जयशंकर ने अमेरिका में भारतीय पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मजबूरी थी…हमारे राजनयिक, वाणिज्य दूतावासों के खिलाफ हिंसा का प्रचार हो रहा है, वे कैसे वीजा संबंधी और कार्यालय जाने का काम करेंगे, ये कानून और व्यवस्था, वियना कन्वेंशन का मुद्दा है.’ विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय और कनाडाई सरकारें एक-दूसरे से बात करेंगी और देखेंगी कि वे खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर अपने मतभेदों को कैसे सुलझा सकती हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि ‘कनाडा में खालिस्तानी तत्वों को मिली छूट और उन्हें भारत विरोधी गितिविधियां करने से रोकने की कोई कोशिश न होना’ बड़ा मुद्दा है और इसका समाधान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडा के आरोपों से संबंधित जानकारी पर गौर करने के लिए तैयार है.

सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की और रक्षा वस्तुओं के सह-उत्पादन सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करने पर उनके साथ सार्थक बातचीत की और विभिन्न सुरक्षा मुद्दों पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया. उन्होंने अमेरिका के वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो से भी मुलाकात की. अमेरिका के विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन के साथ हुई बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में ‘अलगावाद, हिंसा और आतंकवाद’ का एक माहौल है. यह भारत में वांछित अपराधियों के लिए एक अड्डा बन चुका है.

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