सरगुजा संभाग में BJP ने 14 में से 13 विधानसभा प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया है. सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है. लेकिन अचरज की बात है कि इतने कम दिन बचे होने के बाद भी कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों का एलान नहीं किया है. जिसको लेकर उन सिटिंग एमएलए की हालत ख़राब है. जिनको अपने नाम कटने का भय सता रहा है. हालांकि इस भय को लेकर संभाग की रामानुजगंज विधानसभा में कांग्रेस की ओर से शोरशराबा भी शुरू हो गया है. सीटिंग एमएलए बृहस्पत सिंह के समर्थन में उनके लोग टिकट मिलने से पहले ही बाहरी प्रत्याशी का विरोध करने लगे है.
नेताम को टिकट, बृहस्पत को अब तक नही
सरगुजा की चर्चित सीटों की फ़ेहरिस्त मे शु्मार रामानुजगंज विधानसभा दो राजनैतिक धुरंधर की कर्मभूमि है. कांग्रेस की ओर से मौजूदा विधायक बृहस्पत सिंह और BJP के पूर्व गृहमंत्री, राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम यहाँ से चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन 2013 में बृहस्पत सिंह से हार का सामना करने वाले रामविचार नेताम को BJP ने अपनी पहली सूची में प्रत्याशी घोषित कर दिया था. जिसकी वजह से नेताम आचार संहिता लगने के पहले से लेकर अभी तक क्षेत्र के अधिकांश गाँव में घूमकर अपने जनाधार को टटोल चुके हैं. पर दूसरी ओर टिकट कटने के भय के कारण बृहस्पत अभी तक खुलकर क्षेत्र मे प्रचार नहीं कर सके हैं. आलम ये है कि अपनी टिकट को लेकर ना केवल बृहस्पत सिंह बल्कि उनके समर्थक भी चिंतनीय मुद्रा में नज़र आ रहे हैं.
समर्थकों ने सड़क का लिया सहारा
BJP के रामविचार नेताम को टिकट मिलने और उनके प्रचार की गति को देखते हुए बृहस्पत और उनके समर्थकों के माथे में चिंता की लकीर खिंच गई है. लिहाज़ा मौजूदा विधायक के समर्थकों में विरोध के स्वर फू्टने लगे है. वैसे भले ही अभी रामानुजगंज से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी तय ना किया हो. पर टिकट ना मिलने के भय से बृहस्पत समर्थक अब सड़कों पर संघर्ष करते नज़र आ रहे हैं. बृहस्पत समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कल आचार सिंहली लगने के ठीक पहले ज़िला मुख्यालय बलरामपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन की आड़ में बाहरी प्रत्याशी का विरोध किया और विरोध में नारे भी लगाए. समर्थकों ने बाहरी प्रत्याशी नहीं चलेगा का नारा लगाते हुए शहर में रैली भी निकाली.
कौन है बाहरी प्रत्याशी
सूबे के डिप्टी सीएम ने भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम क के दौरान बलरामपुर जिले के ही राजपुर ब्लाक मुख्यालय में एक सार्वजनिक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने बृहस्पत सिंह का नाम लिए बिना कहा था कि अगर उनके माता पिता के बारे में कोई सार्वजनिक रूप से ग़लत कहेगा. तो मैं उससे समझौता नहीं कर सकता हूँ. ग़ौरतलब है कि बृहस्पत के क़ाफ़िले में कथित पथराव मामले में उन्होंने राजपरिवार पर जान से मरवा देने के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का ये बयान आया और फिर बयान के साथ ही अम्बिकापुर महापौर डॉ. अजय तिर्की ने रामानुजगंज से कांग्रेस की टिकट पर अपनी दावेदारी कर दी. इस दावेदारी के बाद बृहस्पत सिंह की धड़कनें धीरे धीरे तेज होने लगी थी. जो अब तक टिकट फ़ाइनल नहीं होने की वजह स अब बहुत तेज हो चुकी है. गौर करने वाली बात है कि डॉ अजय तिर्की, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के ख़ेमे से आते हैं. और उनकी दावेदारी को समझौता नहीं करने वाले बयान से जोड़कर ही देखा जा रहा है.