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भारत में नींद न आने से परेशान हैं 10 करोड़ लोग, जानें कितनी ‘खतरनाक’ है ये समस्या

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नींद पूरी न होने से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होने लगती है. एम्स नई दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 10 करोड़ लोग नींद की बीमारी से जूझ रहे हैं. इनमें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) की समस्या पाई गई है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें नींद के दौरान ठीक तरह से सांस नहीं आती है और खर्राटे भी आते हैं. जिसके चलते नींद में खलल पड़ती है. देश में करीब 11% व्यस्क इस बीमारी की चपेट में हैं. बीते दो दशकों में 6 रिसर्च से तैयार इस डेटा में एम्स ने पाया कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बीमारी महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में देखने को मिली है. इसका असर उनके काम पर भी पड़ता है. इसकी वजह से मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ रहा है. रिसर्च को जर्नल ऑफ स्लीप मेडिसिन में इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया गया है. आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी और यह कितनी खतरनाक…
AIIMS दिल्ली की रिपोर्ट क्या कहती है
एम्स नई दिल्ली में इस रिसर्च को पल्मोनोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. अनंत मोहन ने किया है. उन्होंने बताया कि रिसर्च के अनुसार, भारत में 10 करोड़ लोग नींद की बीमारी से जूझ रहे हैं. इनमें से 5 करोड़ लोगों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) के गंभीर लक्षण मिले हैं. इस बीमारी की वजह से पुरुषों और महिलाओं में मोटापा बढ़ रहा है. इसके गंभीर मामलों में समस्या बिगड़ सकती है. ओएसए के कारण रात में देर तक खर्राटे आते रहते हैं और नींद पूरी नहीं हो पाती है. इस वजह से दिन में नींद आती है और काम प्रभावित होता है. मेंटल हेल्थ के लिए भी यह नुकसानदायक हो सकता है. इसकी वजह से स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और मेटाबॉलिक डिजीज का खतरा भी रहता है.
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा किसे ज्यादा
डॉ. अनंत मोहन के मुताबिक, ज्यादा उम्र वालों यानी बुजुर्गों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बीमारी से ज्यादा खतरा है. नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के दूसरे अंग भी प्रभावित होते हैं. बुजुर्गों के अलावा मोटे लोगों को भी यह बीमारी परेशान कर सकती है. इसलिए इस बीमारी में डॉक्टर को दिखाने में देरी नहीं करनी चाहिए.
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण
1. रात में जोर-जोर से खर्राटे आना
2. नींद में सांस लेने में तकलीफ

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