मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका के भ्रष्टाचार के किस्से जगजाहिर हैं पूरे प्रदेश में मुंगेली नगर पालिका ने भ्रष्टाचार के रूप में अपनी अलग ही पहचान बनाई हैं, नाली भ्रष्टाचार व अनियमितता में नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष, सीएमओ सहित 6 के विरूद्ध अपराध भी पंजीबद्ध हुआ और जिन्हें जेल भी जाना पड़ा, मामला अभी लंबित भी हैं, लगभग 13 लाख रुपये के नाली भ्रष्टाचार में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। इस मामले को कांग्रेस व भाजपा सहित पार्षदों और पत्रकारों ने पुरजोर तरीके से उठाया था, पर इस मामले में जनता ने आशंका जाहिर की हैं कि यह मामला राजनीति से प्रेरित व स्वार्थसिद्ध करने के लिए था, जनता ने यह प्रश्न उठाया कि नगर पालिका में पहले भी भ्रष्टाचार हुए हैं उन पर कोई आवाज नहीं उठाया, और उठाया भी तो उनकी कार्यवाही का अता पता नहीं, आखिर ऐसा क्यों ?
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली नगर के मध्य गुजरने वाले प्रसिद्ध खड़खड़िया नाले में नगर पालिका ने लगभग 2 करोड़ की लागत से स्टार्म वाटर ड्रेन का निर्माण कराया था। नगर पालिका द्वारा इस नाले में स्टार्म वाटर ड्रेन का निर्माण 13 वें वित्त आयोग योजना के तहत निर्माण करने स्टीमेट भी तैयार किया गया जो एक करोड़ 99 लाख 96 हजार रुपये का था, इस कार्य का टेंडर भी निकाला गया था, खड़खड़िया नाले में स्टार्म वाटर ड्रेन का निर्माण प्रारंभ होते ही यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा जांच करने पर उनके द्वारा इस निर्माण कार्य को गुणवत्ताहीन बताते हुए पुनः गुणवत्तापूर्ण निर्माण करने निर्देश दिया गया था, उसके बाद भी तत्कालीन समय के भ्रष्टाचारियों ने उच्चाधिकारियों के निर्देश की अनदेखी कर जमकर भ्रष्टाचार किया और अपनी जेबें गर्म की हैं, नगर पालिका से जुड़े जानकार बताते हैं कि खड़खड़िया नाले में निर्मित स्टार्म वाटर ड्रेन के इस निर्माण कार्य में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया हैं, जिसकी सूक्ष्म जांच होनी चाहिए। सबसे आश्चर्य की बात तो यह हैं कि करीब 2 करोड़ की लागत से खड़खड़िया नाले में निर्मित स्टार्म वाटर ड्रेन की फाईल नगर पालिका से गायब हैं ऐसे में भ्रष्टाचार की बू आनी स्वाभाविक हैं। नगर पालिका के लोक निर्माण विभाग के वर्तमान प्रभारी ने लिखित में सीएमओ और इंजीनियर को जानकारी दी हैं कि मुंगेली के खड़खड़िया नाले में नगर पालिका द्वारा बनाये गए स्टार्म वाटर ड्रेन निर्माण के संबंध में समस्त दस्तावेज व नस्ती पूर्व लोक निर्माण प्रभारी लिपिक सियाराम साहू द्वारा निकाय से भारमुक्त होने के पहले चार्ज में उक्त कार्य की नस्ती उसे कार्यभार में नहीं सौंपा गया हैं इसीलिए कार्यभार में नस्ती नहीं सौंपने के कारण नस्ती के अभाव में उक्त निर्माण कार्य के संबंध में उनके द्वारा कोई भी जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं। अब प्रश्न यह उठता हैं कि करोड़ों के निर्माण कार्य की फाईल कहाँ हैं किसके पास हैं और क्यों हैं ? इस मामले में नगर पालिका के सीएमओ द्वारा एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई जा रही हैं ? या इसमें कोई राजनीतिक दखल हैं ? क्योंकि मामला करोड़ों का हैं। आपको बता दे कि नगर पालिका के द्वारा जिस पूर्व पदस्थ तत्कालीन लिपिक सियाराम साहू का जिक्र पत्र में किया गया हैं वह 13 लाख के नाली घोटाले, भ्रष्टाचार में जेल जा चुके हैं। अब सवाल यह उठता हैं कि फ़ाइल गायब कर किसे बचाने का प्रयास किया जा रहा हैं ?
खड़खड़िया नाले में करोड़ों की लागत से निर्मित स्टार्म वाटर ड्रेन के भ्रष्टाचार व फाइल गायब होने की जानकारी जैसे ही मुंगेलीवासियों को हुई, तो उनमे आक्रोश देखा गया, मुंगेलीवासियों ने कहा कि खड़खड़िया नाले में निर्मित स्टार्म वाटर ड्रेन में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया हैं इसी कारण नगर पालिका से इसकी फाइल गायब हैं, इस निर्माण कार्य की और उसके भुगतान एवं गुणवक्ता की जांच की जानी चाहिए तथा गायब फ़ाइल के संबंध में जल्द ही इसमें एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।