छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले सियासी घमसान मचा हुआ है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Raman Singh) का गंगाजल पर जीएसटी के मुद्दे को लेकर एक दूसरे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स वार-पलटवार जारी है. दरअसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की बीजेपी सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए बड़ा दावा किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि गंगाजल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट करते हुए बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गंगाजल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने जा रही है. इसके आड़ में सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी को सनातन विरोधी बताते हुए जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा “अब गंगाजल पर भी जीएसटी. क्या श्रद्धालु पूजा-पाठ न करें? क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार की मंशा तो ऐसी ही लग रही है. पीएम मोदी सरकार ने चार दिन पहले गंगाजल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का निर्णय किया है.”
सीएम बघेल का बीजेपी पर निशाना
सीएम बघेल ने कहा कि इससे नकली रामभक्त, सनातन संस्कृति के महिमा मंडन का ढोंग करने वाले और गौमाता की रक्षा के नाम पर आतंक फैलाने वालों का चेहरा बेनकाब हो गया है. पीएम मोदी जनभावनाओं का सम्मान करते हुए गंगाजल पर जीएसटी लगाने का निर्णय तत्काल वापस लें. वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सीएम बघेल के दावे को झूठा बताया है. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस पर मां गंगा का अपमान करने का आरोप भी लगाया है.
रमन सिंह ने किया पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल के दावे को गलत बताते हुए सीबीआईसी की एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा “दाऊ भूपेश बघेल आपको और कांग्रेस को सनातन से इतनी नफरत क्यों है? पहले गंगाजल की झूठी कसम खाकर सरकार बनाई. अब गंगाजल पर जीएसटी का भ्रम फैलाकर झूठ की राजनीति कर रहे हैं. राजनीति तो अपनी जगह है, पर इतना तो लिहाज करो कि अंतिम समय में सबको मां गंगा की शरण में जाना है. मां गंगा को अपमानित करना बंद करिए वरना आपके काले कारनामों के पाप गंगाजल से भी नही धुलेंगे.”
इस विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सीबीआइसी की पोस्ट को शेयर किया है. इसमें बताया गया है कि गंगाजल पर जीएसटी लगाने की मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई है. गंगाजल का इस्तेमाल पूरे देश में लोगों के द्वारा पूजा के लिए किया जाता है. पूजा सामग्री को जीएसटी से बाहर रखा गया है. 14वें और 15वें जीएसटी काउंसिल की बैठक जोकि, 18 मई 2017 और 3 जून 2017 को हुई थी. उसमें पूजा सामग्रियों पर जीएसटी लगाने को लेकर चर्चा की गई थी, लेकिन बैठक में पूजा सामग्री को जीएसटी से मुक्त रखने का फैसला किया गया है.