मुंगेली।भूपेश सरकार की बेरोजगारों को नौकरी देने की मंशा और मुंगेली जिला प्रशासन की बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने सशक्त युवा सशक्त मुंगेली की पहल को जिले में महिला एवं बाल विकास के अधिकारी ठेंगा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।यह बात हम नही बल्कि शिकायत में लोग कह रहे है।दरअसल जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद पर जिले के अलग-अलग परियोजना एवं अलग-अलग सेक्टरों में भर्तियां की जारी है। जिसमें एक ही जिले में एक ही परियोजना के सेक्टरों में अलग अलग भर्ती प्रकिया नियम बनाए गए हैं ।जिसके चलते अभ्यर्थी असमंजस में तो है ही कई पात्र अभ्यर्थी विज्ञापन भर्ती में स्पष्ट नियम नहीं होने की वजह से वंचित हो जा रहे हैं ।और अपात्र अभ्यर्थी का चयन हो जा रहा है ।वहीं भर्ती प्रक्रिया में अलग-अलग नियम बनाए जाने से अभ्यर्थियों के द्वारा शिकायत का रूख अपनाया जा रहा है।और आरोप महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर मनमाफिक नियमो में बदलाव कर अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने के आरोप लग रहे है।यही वजह है कि शिकायतकर्ताओं के द्वारा कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने,नियमो में एकरूपता लाने,गलत तरीके से की गई भर्ती को निरस्त किये जाने की मांग की है है,जिस पर प्रशासन के द्वारा इसे संज्ञान में लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला परियोजना कार्यालय को पत्र भी लिखा गया है,शिकायतो की जांच के लिए जांच टीम भी बनाई गई है।मगर धाक के तीन पात के समान धड़ल्ले से उसी तर्ज पर भर्ती चल रही है जिसको लेकर शिकायत उठ रही हैं।शिकायत कर्ताओ के द्वारा पैसे लेकर दस्तावेज में कूटरचना रचना कर ,नियमो में बदलाव कर चहेते अभ्यर्थियों को लाभ पहुँचाने,अनुमोदन होने के बाद भी उसे निरस्त कर पुनः अनुमोदन कर दूसरे अभ्यर्थियो का चयन करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी की है ,लेकिन हुआ कुछ भी नही है।यहीं वजह है कि पात्र अभ्यर्थी को भर्ती प्रक्रिया से वंचित हो जा रहे है।पहला प्रकरण ग्राम साल्हेघोरी तहसील लोरमी निवासी सुभाषा साहू ने कलेक्टर के समक्ष लिखित में शिकायत दर्ज करा चुकी है कि उन्होंने ग्राम साल्हेघोरी में आंगनबाड़ी केंद्र में आंगनबाड़ी सहायिका के पद हेतु आवेदन किया था जिसमें उन्हें परित्यक्तता प्रमाण पत्र का 15 अंक प्रदान किया गया था ।जिसको लेकर भर्ती चयन समिति के द्वारा अनुमोदन भी किया जा चुका था। परंतु विभाग के अधिकारियों और चयन समिति ने पुनः कूट रचना कर दोबारा अनुमोदन कर किसी दूसरे अभ्यर्थी का चयन कर दिया जिसमें मुझे 15 अंक ना देकर दूसरे अभिव्यक्ति को लाभ पहुंचाया गया।दूसरा प्रकरणलोरमी तहसील के पैजनिया निवासी सुमन देवी ने कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र पैजनिया में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर आवेदन किया था गांव के ही ऋतु साहू ने भी इस पद हेतु आवेदन किया था जिसमें उन्हें परित्यक्ता प्रमाण पत्र के नाम पर 15 अंक प्रदान किया गया है। सूचना के अधिकार के तहत जब मैंने �ऋतु साहू की दस्तावेज निकाली तब उनके द्वारा लगाए गए परित्यक्ता प्रमाण पत्र न सत्यापित है और न प्रमाणित है ।इसके बावजूद चयन समिति द्वारा ऋतु साहू को फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र के आधार पर 15 प्रदान किया गया है और उनका चयन कर दिया गया है।जिससे वह (शिकायत कर्ता) पात्र होते हुए भी भर्ती प्रकिया में चयनित नही हो सकी।शिकायतकर्ताओं का आरोपशि कायतकर्ताओं के द्वारा विभागीय अधिकारियों पर नियमों में फेरबदल कर पैसे लेकर चहेते अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचा कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद पर चयन करने का आरोप लगाया गया है ।वही शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कलेक्टर से लिखित में शिकायत के बावजूद आज तक दोषी अधिकारियों पर न करवाई हो रही है न भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लायी गयी है और न ही गलत तरीके से किए गए भारती को रद्द किया गया है जिसके चलते पात्र अभ्यर्थी वंचित हो जा रहे हैं।जिससे नाराज अभ्यर्थी अब हाईकोर्ट के शरण मे जाने मजबूर है।
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