छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी ने लिस्ट जारी कर दी है तो वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अभी तक असमंजस का दौर बना हुआ है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया है कि रविवार यानी 15 अक्टूबर के बाद लिस्ट कभी भी जारी हो सकती है. उधर, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सत्ता विरोधी लहर का सामना करने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर ली है. पार्टी 20-25 विधायकों को टिकट नहीं देगी.
सूत्रों ने दावा किया कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में यह कहा गया है करीब 25 विधायकों को लेकर अच्छा फीडबैक नहीं आया है. सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व ने यह मुद्दा मुख्यमंत्री और अन्य स्थानीय नेताओं के साथ उठाया. पार्टी नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ इकाई को रणनीतिक तौर पर फैसले लेने की छूट दे दी है कि ताकि आगमी चुनावों में पार्टी को लाभ हो.
सरकार के सभी मंत्री लड़ेंगे चुनाव?
इसके अलावा अंग्रेजी अखबार इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार पार्टी ने फैसला किया है कि भूपेश सरकार के सभी मंत्री चुनाव लड़ेंगे. भूपेश पर भरोसा है कैंपेन के तहत कांग्रेस, जनता के बीच सरकार के काम को लेकर जाना चाहती है ऐसे में वह किसी काबीना मंत्री का टिकट काटकर विपक्ष और भारतीय जनता पार्टी को कोई मौका नहीं देना चाहती.
रिपोर्ट के अनुसार एक कांग्रेस नेता ने नाम न प्रकाशित करने के शर्त पर संकेत दिया कि कुछ विधायकों के टिकट काट कर उन्हें पार्टी में अहम चुनावी जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार पार्टी नेता ने कहा कि 15-20 मौजूदा विधायकों को पार्टी के काम लगाया जाएगा ताकि नए चेहरों को भी मौका मिले.
दीगर है कि कांग्रेस, छत्तीसगढ़ में 2018 का इतिहास दोहराने की कोशिश में है. इसके लिए पार्टी कुछ अहम और कड़े फैसले लेने से भी गुरेज नहीं करेगी. दावा किया जा रहा है कि जिन 20-25 विधायकों के लिए निगेटिव फीडबैक आए हैं, उसमें से कुछ एमएलए, सीएम के करीबी भी हैं.
राज्य में दो चरणों चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण का मतदान 7 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 17 नवंबर को वोटिंग होगी. इसके अलावा 3 दिसंबर को मतगणना के साथ चुनाव 5 दिसंबर के पहले संपन्न करा लिए जाएंगे.