आगामी लोकसभा चुनाव को शुरू होने में अब काफी कम समय रह गया है. इससे पहले देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है. वहीं पांचों राज्यों में राजनीतिक पार्टियों ने जीतने के लिए अपनी कमर कस ली है. इस क्रम में छत्तीसगढ़ में एक बार फिर वापसी करने के लिए बीजेपी नेता अपनी पुरजोर कोशिश करते देखे जा रहे हैं. इस बीच पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर जमकर प्रहार किया. जब डॉ रमन सिंह से यह सवाल किया गया कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री बने तो सबसे पहले वह क्या करेंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने जिन 16 लाख आवास को नहीं दिया है वह दिए जाएंगे. इसके साथ ही उनका कहना है कि वह PAC जैसी संस्थाओं के साथ न्याय करेंगे.
कांग्रेस पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एबीपी न्यूज से खास बातचीत के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार बनने के बाद वह एलाइड और एग्रीकल्चर सेक्टर पर काम करेंगे. इसके साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों और बस्तर में शांति की स्थापना पर जोर देंगे. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल की सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ नहीं है.
भूपेश सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
उन्होंने भूपेश सरकार पर कोयले से लेकर तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि ‘जो गरीबों का आवास छीनेगा, वो छत्तीसगढ़ में राज नहीं कर सकता.’ इसके अलावा उन्होंने बताया कि अब सीएम भूपेश सरकार जनता में अपना विश्वास खो रही है, जो की उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है. डॉ रमन सिंह का कहना है कि भूपेश सरकार ने उनके शुरू किए इंफ्रास्ट्रक्चर के सारे काम बंद कर दिए, जिससे कांग्रेस सरकार को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा.
क्षेत्रीय पार्टियों से होगा कांग्रेस को नुकसान
डॉ रमन सिंह ने बातचीत के दौरान दावा करते हुए कहा है कि क्षेत्रीय पार्टियां 7-8% वोट शेयर पाती हैं जो कांग्रेस को और डैमेज करेंगी. वहीं छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में उन्हें सीएम का चेहरा नहीं बनाए जाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली पार्टी है, इस तरह से हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन चुनाव जितने के बाद की मीटिंग में एक घंटे में हम मुख्यमंत्री पद का निर्णय ले लेते हैं.