छत्तीसगढ़ में पहले चरण के विधानसभा चुनाव में 7 नवंबर को नक्सल प्रभावित 20 सीटों पर मतदान होगा. इसके लिए नेताओं का चुनावी अभियान तेज है और जुबानी जंग भी तेज हो गई है. नक्सलवाद समस्या पर कांग्रेस और बीजेपी आरोपों के बाजार में भाव लगा रहे है. बीजेपी, कांग्रेस पार्टी को नक्सलियों के साथ साठंगाठ करने का आरोप लगा रही है तो कांग्रेस कह रही है कि लाश पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे है.
चुनाव से पहले बीजेपी नेता की हत्या पर सियासत
दरअसल, बीजेपी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए है. बीजेपी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस पर भरोसा उठ गया है. अब वर्चस्व की लड़ाई में राजनीतिक हत्याएं तक हो रही हैं. बीजेपी सीधे-सीधे राजनीतिक हत्या इसलिए कह रही है क्योंकि कुछ महीने पहले ही कांग्रेस की सभा में कांग्रेस विधायक इंद्रशाह मंडावी की मौजूदगी में खुलेआम सरजू टेकाम ने यह धमकी दी थी कि जो भी इस क्षेत्र में बीजेपी का प्रचार करने आएगा, उसे काट डाला जाएगा, हत्या करके फेंक दिया जाएगा.
बीजेपी का प्रचार-प्रसार करने की सजा बिरझू तारम को मिली
बीजेपी नेता केदार गुप्ता ने कहा कि मोहला मानपुर में बीजेपी नेता बिरझू तारम की हत्या को बीजेपी राजनीतिक हत्या बताती रही है. हत्या के तीन दिनों के बाद नक्सलियों ने पर्चा फेंका जिसमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि मना करने के बाद भी बीजेपी का प्रचार-प्रसार करने की सजा बिरझू तारम को दी गई है. केदार गुप्ता ने सवाल करते हुए कहा कि बीजेपी का प्रचार-प्रसार करने पर हत्या होगी और कांग्रेस या दीगर पार्टी का प्रचार-प्रसार करने पर सुरक्षा दी जाएगी? क्या नक्सलवाद छत्तीसगढ़ में इसीलिए पनप रहा है? नक्सली लगातार बीजेपी के नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को टारगेट कर रहे है.
विपक्ष के लोगों की हत्या करके फैलाया भय और आतंक
इसके आगे केदार गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. प्रदेश में बीजेपी विपक्ष में है और विपक्ष के लोगों की हत्या करके वह भय और आतंक के जरिए वातावरण बिगाड़ने में लगी है. बीजेपी ने इस हत्या को राजनीतिक हत्या बताते हुए धर्मांतरण के मुद्दे को भी उठाया है. बिरझू तारम ने नवरात्रि पर्व पर दुर्गा प्रतिमा की स्थापना कर लोगों को पूजा करने के लिए आने को कहा था. कांग्रेस के राज में क्या पूजा करना भी अब अपराध है? नक्सलवाद की आड़ में आतंक फैलाकर कहीं-न-कहीं कांग्रेस की भूपेश सरकार अपने राजनीतिक वर्चस्व को बचाने की नाकाम कोशिश कर रही है.
कांग्रेस ने कहा भाजपा नेताओं को अपने पाप याद आ रहे है
इधर,नक्सलवाद और टारगेट किलिंग को लेकर बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि दरअसल बीजेपी नेताओं को अपने पाप याद आ रहे है, साजिश और षडयंत्र बीजेपी का चरित्र है. छत्तीसगढ़ में सुदूर दक्षिण बस्तर के दो ब्लॉक में सीमित नक्सलवाद को रमन सरकार के दौरान ही खाद पानी देकर प्रदेश के 14 जिलों तक प्रसारित करने वाले बीजेपी के नेता किस मुंह से आरोप लगाते हैं? रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके गृह जिले कवर्धा और संसदीय क्षेत्र राजनांदगांव भी नक्सलवाद के जद में धकेल दिया गया.इसके आगे सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि बीजेपी लाश पर रोटी सेकने वाले राजनीतिक गिद्ध की भूमिका में बैठी है.
‘बीजेपी के नेता नक्सलियों को समान सप्लाई करेंगे’
सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि नक्सलियों के साठगांठ तो बीजेपी के नेताओं के रहे हैं. नक्सलियों के सप्लायर धर्मेंद्र चोपड़ा तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के सांसद सोहन पोट्टाई की गाड़ी से पकड़े गए थे. बीजेपी नेता शिवदयाल तोमर की हत्या के आरोप में पकड़े गए पोडियम लिंग ने अपने बयान में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता कबूल की थी. दंतेवाड़ा बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष जगत पुजारा नक्सलियों को ट्रैक्टर और ट्राली सप्लाई करते हैं रंगे हाथों पकड़े गए थे.हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी चुनाव में हार को देखकर तिलमिला उठी है और अब सत्ता हासिल करने के लिए अपने ही कार्यकर्ता के लाश पर घृणित राजनीति कर रही है.