छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने शनिवार (28 अक्टूबर) को कहा कि मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर एक विकल्प नोटा ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ को खत्म किया जाना चाहिए. रायपुर के विमानतल पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले.
यह पूछे जाने पर कि राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों में नोटा को दो लाख से अधिक वोट मिले और यह विकल्प चुनावों को कैसे प्रभावित करता है, तो बघेल ने कहा, ”चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए. कई बार ऐसा देखा गया है कि दो उम्मीदवारों के बीच जीत और हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले.”
नोटा को बंद किया जाना चाहिए-बघेल
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा, ‘‘ऐसा होता है जैसे बहुत से लोग यह सोचकर नोटा बटन दबाते हैं कि या तो उन्हें ऊपर या नीचे का बटन दबाना है. इसलिए नोटा (NOTA) को बंद किया जाना चाहिए.’’ छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा.
सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम में उम्मीदवारों की सूची के अंतिम में विकल्प के रूप में नोटा का बटन जोड़ा था. छत्तीसगढ़ के 2018 के विधानसभा चुनाव में 76.88 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जिसमें कुल 1,85,88,520 मतदाताओं में से 1,42,90,497 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. उक्त चुनाव में 2,82,738 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था.
इसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव में 11 संसदीय सीटों वाले छत्तीसगढ़ में 1.96 लाख से अधिक नोटा वोट पड़े. 2019 में पांच संसदीय क्षेत्रों बस्तर, सरगुजा, कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव में नोटा तीसरे स्थान पर रहा.