भारतीयों के लिए दुनिया भर में रोजगार के दरवाजे खुल रहे हैं. इजरायल के बाद अब ताइवान भारत के एक लाख से अधिक भारतीयों को नौकरी पर रखने की योजना बना रहा है. दरअसल, ताइवान कारखानों, खेतों और अस्पतालों में काम करने के लिए भारतीयों को नौकरी पर रखेगा. फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ये कर्मचारी अगले महीने की शुरुआत में द्वीप राष्ट्र में जा सकते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है. ऐसे में उसे मैन्यूफैक्चरिंग, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रमिकों की जरूरत है, जो उसे अपने देश में नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में उसने भारत की तरफ समझौते के हाथ बढ़ाए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अगले महीने भारत और ताइवान के बीच नौकरी को लेकर समझौता हो सकता है. बता दें कि इससे पहले हमास के साथ जंग लड़ रहे इजरायल ने भी एक लाख भारतीयों को नौकरी देने की पेशकश की है.
चीन को लग सकती है मिर्ची
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को पुष्टि की कि भारत-ताइवान नौकरी समझौता अब बातचीत के अंतिम चरण में है. यह समझौता ऐसे समय में होने जा रहा है जब ताइवान को अपनी तेजी से बूढ़ी होती आबादी के कारण अधिक श्रमिकों की आवश्यकता है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 तक ताइवान की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी 80 साल की हो जाएगी. माना जा रहा है कि ताइवान की इस पेशकश के बाद चीन एक बार फिर बौखला जाएगा.
इजरायल ने भी की है भारतीयों को रोजगार देने की मांग
रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान ने भारत के कुशल श्रमिकों को अपने देश के श्रमिकों के बराबर वेतन और इंश्योरेंस जैसी सभी सुविधाएं देने की भी पेशकश की है. बता दें कि इससे पहले भारत का जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस समेत 13 देशों के साथ इस तरह का समझौता हो चुका है. अभी हाल ही में इजरायल ने भारत से तत्काल प्रभाव से एक लाख श्रमिकों की मांग की है, क्योंकि इजराइल ने 90 हजार फ़िलिस्तीनियों का परमिट रद्द कर दिया है.