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छत्तीसगढ़ में दीये बनाने के काम ने पकड़ा जोर…घर-घर दिवाली मनाने की तैयारी

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22 जनवरी को अयोध्या धाम के अपने नये मंदिर में रामलला विराजेंगे. एक ओर जांजगीर-चांपा जिले में शहर सहित गांव-गांव में अयोध्या से आये अक्षत का वितरण किया जा रहा है तो दूसरी ओर घर-घर में दिवाली मनाने की तैयारी हो रही है. दिवाली के दो माह बाद कुम्हारों ने भी उत्साह के साथ दीये बनाने शुरू किये हैं. इस दिन दिवाली की तरह लोगों के घरों में दीये जलाये जाएंगे, आतिशबाजी भी होगी. कुम्हार अपने पारंपरिक चाक से ग्वालिन दीया बनाने में जुट गए हैं. हालांकि कुम्हारों के पास आर्डर तो नहीं आया है, परंतु इस आशा और विश्वास के साथ दीया बना रहे हैं, ताकि लोग 22 जनवरी को इसकी बिक्री हो सके.

अक्षत कलश यात्रा निकाली जा रही है
भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रोज हर गांव-मोहल्ले में अक्षत कलश यात्रा निकाली जा रही है, ताकि 22 जनवरी के दिन को यादगार बनाया जा सके. हर वर्ग अपने साज-सज्जा से लेकर नये तरीको से तैयारी कर रहे हैं. 16 से 22 जनवरी तक अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह चलेगा. उसी तर्ज पर लोग भी इस खुशियों के पल शामिल होंगे. जिस तरह अयोध्या में दीपक जलाया जाएगा, उसी तरह सनातनी लोग अपने घरों में दीये जलाएंगे. इसी आशा और विश्वास के साथ कुम्हार भी दीये बनाने में जुट गये हैं. क्योंकि अचानक से मांग आने पर दीये तैयार नहीं हो पाएंगे, ऐसे में पहले से ही दीये तैयार करने में जुट गए हैं.

क्या कहते हैं मिट्टी के कारीगर
मिट्टी की कलाकृति जैसे दीये, मटकी, गमला, सुराही सहित अनेक प्रकार के मिट्टी के सामग्री बनाने वाले सुरेन्द्र कुम्हार ने बताया कि अभी मिट्टी के दीये बनाने के लिए कोई आर्डर नहीं आया है, फिर भी जिस तरह से क्षेत्र में माहौल चल रहा है, उसके हिसाब से दीये बनाने का काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी बारहों माह के सीजन में चलने वाले गमला, काले रंग की हांडी, मटकी, कुरेड़ी, ढक्कन, गिलास, जग, पानी बाटल आदि बना रहे हैं.

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