रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में आए दिन हाथियों की मौत हो रही है. वहीं साल भर में हुए 8 हाथियों में से 6 हाथी ऐसी है जिसकी इलेक्ट्रिक फेंसिंग से मौत हो गई है. इसमें सभी 6 नर हाथी हैं, जो किसी न किसी कारण से इलेक्ट्रिक फेंसिंग के चपेट में आए और काल कवलित हो गए. जिस तरीके से धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की मौत हो रही है आने वाले समय में हाथियों के दर्शन भी कहीं दुर्लभ न हो जाए. वहां के आंकड़े डरावने नजर आ रहे हैं. यहां एक साल में 8 हाथियों की असमय मौत हो गई है. जिसमें दो हाथी की मौत ही प्राकृतिक तरीके से हुई है. हाथियों के मौत के इस आंकड़े में दो हाथी के शावक हैं जो 1 साल और महज 15 साल के थे. जबकि चार हाथी ऐसे है जो 45 से 50 वर्ष की उम्र के हाथी थे.
बेवजह मारा गया शावक
इसमें एक नन्हा हाथी का शावक जो मात्र 1 वर्ष का था. विशाल हाथियों के द्वंद्व के बीच आ जाने से बेवजह ही मौत का शिकार हो गया. जबकि एक 80 साल के मादा हथिनी की स्वाभाविक मौत हो गई, जो अपनी पूरी जिंदगी जी चुकी थी.
इन रेंज में हुआ हाथियों की मौत
धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 10 जनवरी, 4 फरवरी, 9 सितम्बर तथा 11 अक्टूबर को 3 नर तथा 1 मादा हथिनी की इलेक्ट्रिक फेंसिंग से मौत हो गई. जबकि छाल वन परिक्षेत्र में 17 अप्रैल तथा 15 जून एवं 23 अक्टूबर को 1 नर, 1 मादा व 1 शावक की मौत हुई थी. इसके अलावा बोरो रेंज में 1 किशोर हाथी की बिजली के करेंट के चपेट में मौत हो गई थी.
पांच मामले में 11 आरोपी गिरफ्तार, सजा किसी को नहीं
इस पूरे मामले में वन विभाग ने 05 मामले में 11 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया था. जिसमें से फिलहाल किसी को भी सजा तक नहीं हुई. इसकी वजह से ही हाथी प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवासी फसल सुरक्षा के नाम पर इलेक्ट्रिक फेसिंग करते है और उसमें बेजुबान हाथियों की मौत हो जा रही है.