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भ्रष्टाचार की अड्डा बना जनपद पंचायत मुंगेली/किसी भी प्रकार की जानकारी देने में कोताही/239फाईल की जांच व कार्यवाही केवल दिखावा

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हाल ही में पिछले माह दिसंबर 2023 में मुंगेली जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जिले के समस्त जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपील अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित किया गया था। यह प्रशिक्षण कलेक्टर राहुल देव के निर्देशानुसार आयोजित किया गया था जिसमें डिप्टी कलेक्टर श्रीमती पार्वती पटेल द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम की प्रक्रिया को समझाते हुए बहुत ही अच्छा प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण में डिप्टी कलेक्टर श्रीमती पार्वती पटेल द्वारा बताया गया था कि सूचना का अधिकार अधिनियम में प्रस्तुत आवेदन का निराकरण सरल बनाए जाने हेतु शासन द्वारा वेब पोर्टल आरटीआई.ऑनलाइन. सीजी.जीओवी. डॉट.इन बनाया गया है। उक्त पोर्टल में समस्त जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों का पंजीयन 25 दिसंबर तक पूर्ण किया जाना है। उन्होने समस्त जन सूचना एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को यथाशीघ्र पंजीयन की कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश दिए। प्रशिक्षण में जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से समस्त जन सूचना और प्रथम अपीलीय अधिकारियों को पोर्टल में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी गई थी। इस प्रशिक्षण में सूचना के अधिकार अधिनियम के पालन को लेकर भी प्रशिक्षण दिया गया था, उसके बाद भी जनसूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों की लापरवाही मुंगेली जिले में लगातार देखने को मिल रही हैं।

जनपद पंचायत मुंगेली में जनसूचना अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के समक्ष सूचना के अधिकार के तहत दो आवेदन लगा जानकारी मांगी गई थी जिस पर जनसूचना अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने लापरवाही की सीमा लांघते हुए ऐसा पत्र, ज्ञापन आवेदक स्वतंत्र तिवारी को जारी किया जिसे देख हर कोई सीईओ के इस कारनामे से अपना सर पीटने लगे, दरअसल जनपद मुंगेली के जनसूचना अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने आवेदक स्वतंत्र तिवारी को दिनांक 22/01/2024 को पत्र क्रमांक/ 5181/ज.पं./सु.का.अधि./2024 मुंगेली एवं पत्र क्रमांक/ 5183/ज.पं./सु.का.अधि./2024 मुंगेली पत्र भेज कहा गया कि आप कार्यालयीन समय में दिनांक 18.01.2024 को निर्धारित शुल्क के साथ उपस्थित होकर सूचना का अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, यह पत्र आवेदक को 25 जनवरी को डाक द्वारा प्राप्त हुई, अब सवाल यह उठता हैं कि जब जनपद पंचायत सीईओ ने 22 जनवरी 2024 को पत्र जारी किया गया तो आवेदक 18 जनवरी 2024 को कार्यालय में कैसे उपस्थित होगा ? ऐसे में प्रश्न यह उठता हैं कि क्या पत्र, ज्ञापन तैयार करने वाले कर्मचारी और सीईओ द्वारा जानबूझकर जानकारी टालने या दी जाने वाली जानकारी में कुछ संशोधन करने की योजना बनाई जा रही हैं ? ताकि दिनांक में हुए त्रुटि को लिपिकीय त्रुटि बोल अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से बचा जा सके ? एक प्रश्न और यह हैं कि यदि कर्मचारी द्वारा पत्र तैयार किया गया हैं तो जिम्मेदार पद में बैठे जनसूचना अधिकारी, सीईओ द्वारा दोनों पत्रों में हस्ताक्षर करने से पहले पढ़ा क्यों नहीं गया ? उनसे इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई ?

आपको बता दे कि जनपद पंचायत मुंगेली के 230 फाइल गायब हो जाने की शिकायत तत्कालीन सीईओ द्वारा सिटी कोतवाली में की गई थी जिसमें कर्मचारी रामकुमार दीक्षित के प्रभार की कई योजनाओं की संधारित मूल नास्तियाँ एवं माप पुस्तिका न मिलने का उल्लेख किया था जिसके प्रभार वाले कर्मचारी रामकुमार दीक्षित का नाम उल्लेख था, सूचना के अधिकार के तहत जब इस फाइल गायब मामले की जानकारी मांगी गई तो जनपद द्वारा जानकारी नहीं दिया गया और प्रथम अपील सुनवाई में उसी विवादित कर्मचारी रामकुमार को CEO ने अपना प्रतिनिधि बनाकर भेज दिया, जो कि संदेहास्पद हैं। प्रथम अपील में एक हफ्ते में जानकारी देने की बात कहने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई, जिसके बाद आवेदक स्वतंत्र तिवारी ने राज्य सूचना आयोग में अपील एवं शिकायत की गई हैं। साथ ही अब जनपद पंचायत से फाइल गायब मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव से शिकायत करने की बात सामने आई हैं।

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