निवेश करने वालों की अमूमन दो कैटेगरी होती है. कुछ लोग पैसा बनाने के लिए निवेश करते हैं और कुछ टैक्स बचाने के लिए निवेश का रास्ता चुनते हैं. जरूरत के हिसाब से दोनों के लिए अलग-अलग निवेश के विकल्प भी होते हैं. लेकिन, हम आपको ऐसे निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं जहां पैसा बनाने के साथ टैक्स भी बचाया जा सकता है. इस सिंगल स्कीम में आपको 3 बार टैक्स बचाने का मौका मिलता है.
कुछ ऐसे निवेश के विकल्प हैं जो EEE कैटेगरी में आते हैं. इसका मतलब है कि इस पर तीन बार टैक्स छूट ली जा सकती है. मसलन, निवेश करते समय आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलेगी. इसके बाद हर साल इस निवेश पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स के दायरे से बाहर होगा. इतना ही नहीं योजना की मेच्योरिटी के बाद मिली राशि पर भी इनकम टैक्स नहीं लगता है.
कैसे काम करती है यह योजना
अगर आप 5 साल की बैंक एफडी खरीदते हैं तो उस पर निवेश करते समय तो टैक्स छूट मिलती है, लेकिन सालाना ब्याज अगर 40 हजार से ज्यादा है तो आपको उस ब्याज पर इनकम टैक्स भरना पड़ेगा. लेकिन, पीपीएफ, सुकन्या और ईएलएसएस जैसी योजनाओं में अगर आप पैसा लगाते हैं तो यहां 3 तरह से टैक्स छूट दी जाती है.
पीपीएफ खाते पर कैसे मिलती है छूट
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश करने वालों को तिहरी टैक्स छूट का फायदा मिलता है. इसमें निवेश की गई 1.5 लाख रुपये तक की रकम टैक्स छूट के दायरे से बाहर होती है. इस पर अभी 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. इसका मतलब हुआ कि साल में आपको 11,550 रुपये ब्याज मिलेंगे. यह रकम भी पूरी तरह टैक्स के दायरे से बाहर होगी. अगले साल आपको 1.5 लाख के अलावा इस ब्याज पर भी 7.1 फीसदी का ब्याज मिलेगा यानी यह कम्पाउंड इंट्रेस्ट की तरह काम करेगा. इस तरह मेच्योरिटी तक आपके पास मोटा फंड जमा हो जाएगा. यह फंड भी पूरी तरह इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होगा.
ईएलएसएस पर भी ब्याज भी ज्यादा
अगर म्यूचुअल फंड की बात की जाए तो सिर्फ ईएलएसएस ही ऐसा फंड है, जो EEE कैटेगरी में आता है. इस म्यूचुअल फंड में भी सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. ईएलएसएस ने 21 फीसदी तक सालाना रिटर्न दिया है. यह ब्याज भी पूरी तरह टैक्स के दायरे से बाहर रहता है. लॉक इन पीरियड भी महज 3 साल है और मेच्योरिटी पर जो रकम आपको मिलती है, वह भी इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होती है. इसका मतलब है कि एक ही योजना में आपको 3 बार इनकम टैक्स की छूट मिलती है.