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12 वीं की शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण, स्कूल जीवन की आख़री पढ़ाई इसे हल्के में न लें : कलेक्टर

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12 वीं शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण, स्कूल जीवन की आख़री पढ़ाई इसे हल्के में न लें : कलेक्टर
12 वीं शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण, स्कूल जीवन की आख़री पढ़ाई इसे हल्के में न लें : कलेक्टर

कलेक्टर खुद चाक़ लेकर बने गुरुजी, 12 वीं की छात्राओं को पढ़ाया

महासमुंद (वीएनएस)। नए साल का पहला दिन आशीबाई गोलछा कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के लिए ऐतिहासिक और यादगार भरा रहा है। कलेक्टर डोमन सिंह ने छात्राओं को पढ़ाया। उन्होंने छात्राओ से बारी-बारी से परिचय किया। नए साल के पहले दिन चाकलेट खिला कर बच्चियों का मुँह मीठा कराया। महासमुंद जिला में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए आला अफसर से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक सुविधानुसार समय पर अपने विषय से संबंधित बच्चों की गुणवत्ता सुधार में सहयोग करेंगे। इसके लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को बच्चों को मनचाहे विषय पर शिक्षा देने समीप स्कूल आबंटित किए है।
कलेक्टर श्री सिंह स्कूल में कक्षा 12वीं में खुद चाक़ लेकर गुरुजी बन गए। उन्होंने कामर्स की छात्राओं को पढ़ाया। उन्होंने विद्यार्थियों से सवाल भी पूछे। इसके अलावा छात्राओं से कोरोना संक्रमण व सामान्य ज्ञान, संबंधित प्रश्न भी किए। कुछ छात्राओं ने सही जवाब दिया तो कुछ कलेक्टर को देखकर झिझक रही थी । उन्होंने बच्चियों से बातचीत में बताया कि वो भी कॉमर्स के विद्यार्थी थे। पूर्व में वो एक शिक्षक भी रह चुके है। उन्होंने पढ़ाते हुए कहा कि 12 वीं स्कूल जीवन के समाप्ति के दिन होते है। जिससे हमारे काफी यादें भी जुड़ी होती है। कक्षा 12 वीं का परिणाम हर जगह काम आता है। चाहे वो कोई प्रतियोगी परीक्षा हो या किसी नौकरी का इंटरव्यू। हमें 12 वीं क्लास को कभी हल्के में नही लेना चाहिए। उन्होंने पढ़ाई के कुछ टिप्स बतायें। जिससे बच्चे क्या गलती करते है, 12 वीं में पढ़ाई कैसे करनी चाहिए, क्या करने से बचना चाहिए आदि जैसे सवाल जो काफ़ी मायने रखते है बतायें।
उन्होंने छात्राओं से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी को यह समझना होगा स्कूल की 12 वीं की पढ़ाई सबसे महत्वपूर्ण है। यह हमारे स्कूल जीवन का आखिरी परीक्षा मानी जाती है। ऐसे में आप पर काफी दबाव बना रहता है। इस कम्पटीशन वाले दौर में हर कोई एक दूसरे से आगे निकलना चाहता है। चाहे उन्हें कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपको एक बात समझनी होगी सिर्फ मेहनत से ही सब कुछ हासिल नहीं होता। पढ़ाई के लिए भी एक बेहतर रणनीति की भी जरुरत पड़ती है। इसके लिए परीक्षा से पहले आपको अपने सिलेबस की पूरी जानकारी रखनी चाहिए कि सिलेबस से जुड़े सवाल आप से एग्जाम में पूछे जायेंगे। कलेक्टर ने कहा कि 3 जनवरी से कोरोना संक्रमण की रोकथाम, नियंत्रण और सुरक्षित स्वास्थ्य बचाव के लिए 15-18 तक किशोर-किशोरियों को कोविड का टीका लगाया जा रहा है। आप सब जो 15 से ऊपर आयु की है वह टीका ज़रूर लगवायें और इसके लिए जागरुक भी करें।
कलेक्टर डोमन सिंह की यह अनूठी पहल की जहाँ तारीफ़ हो रही है। वही स्कूली बच्चों को कुछ नया सीखने मिल रहा है तो कही पढ़ने का सही तरीक़ा भी बताया जा रहा है।
गुणवत्ता शिक्षा आधुनिक समाज की मांग है। कोई भी क्षेत्र हो गुणवत्ता की मांग हर जगह होती है। गुणवत्ता शिक्षा से आशय शिक्षा मंे गुणों का विकास करना या गुणों का समावेश करना है। जिससे छात्र-छात्राओं को शिक्षा का उद्देश्य भलीभाँति प्राप्त हो सके। महासमुंद जिला में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए आला अफसर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और वनमण्डलाधिकारी से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक समय-समय पर अपने विषय से संबंधित बच्चों की गुणवत्ता सुधार में सहयोग करेंगे।
कलेक्टर डोमन सिंह ने अध्यापन के लिए अधिकारियों के नाम विकासखण्डों और विद्यालयों के नाम शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए आदेश जारी किए है। शिक्षा गुणवत्ता लाने के लिए जरूरी है कि शिक्षा के उद्देश्यों को निर्माण, भौतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरण के आधार पर की जाए। सीखने के लिए वातावरण भी जरूरी है। शिक्षा व्यक्तियों को समाज में एक साथ रहना और सहयोग करना सिखाती है।

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