छत्तीसगढ़ में बुधवार को संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित कर दी है। उनका कहना है कि ये फैसला वे आम जनता को हो रही परेशानी को लेकर ले रहे हैं। साथ ही उन्हें उम्मीद है कि सरकार नियमितीकरण करेगी।
रायपुर के तूता में एक महीने से नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारी हड़ताल पर बैठे थे। इस हड़ताल को खत्म करते हुए सर्व विभागीय संविदा कर्मी संघ के अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि हम संविदाकर्मियों का आंदोलन करीब 1 महीने चला। इस दौरान हमारी शासन से कई बार चर्चाएं भी हुई। जिसमें अलग-अलग मुद्दों पर बात की गई।
उन्होंने कहा कि इन चर्चाओं के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने आपसी सहमति से हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया है। इसकी वजह छत्तीसगढ़ की जनता का हित है, हमारे हड़ताल में जाने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। हमें उम्मीद है कि सरकार हमें जल्द नियमित करेगी।
3 जुलाई से जारी थी हड़ताल
छत्तीसगढ़ के 45 हजार संविदाकर्मी 3 जुलाई से हड़ताल पर बैठे हुए थे। इसमें शासन के 54 विभागों के कर्मचारी शामिल थे। जिन विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर गए थे उनमें स्वास्थ्य, मनरेगा, पंचायत, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, जैसे डिपार्टमेंट शामिल हैं। जिसकी वजह से कामकाज प्रभावित हो रहा था।
क्या है कर्मचारियों की मांग?
संविदा कर्मचारियों की मांग है कि इन्हें स्थायी किया जाए, नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक दी जाए, वरिष्ठता का लाभ, वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति-पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति, बुढ़ापे का सहारा पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं।