‘दावते इस्लामी’ संस्था पर उठाया सवाल
रायपुर (वीएनएस)। भजापा कार्यालय एकात्म परिसर में आज मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री एवं रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस का दांव उल्टा पड़ गया। कांग्रेस के कुछ प्रमुख लोगों ने रायपुर में धर्म संसद बुलवाई थी। चूंकि धर्म संसद शब्द जुड़ा हुआ था अतः हमारे लोग भी उसमें शामिल हुए। कालीचरण महाराज पहले भी यू ट्यूब के माध्यम से अपने विचार सामने लाते रहे हैं। उसके बाद भी उन्हें धर्म संसद में आमंत्रित किया गया और कांग्रेसियों का दांव उल्टा पड़ गया। महात्मा गांधी के विचारों की हत्या कालीचरण महाराज नहीं बल्कि कांग्रेस के लोग कर रहे हैं। यह वही कांग्रेस है जो राष्ट्र दोह कानून समाप्त कर देने का दावा किया करती थी। अब कांग्रेस सरकार ने कालीचरण महाराज पर राष्ट्र दोह का मामला दर्ज करवा दिया है। महात्मा गांधी के अराध्य भगवान राम थे। भगवान राम को गाली देने एवं हिन्दू धर्म समाप्त हो जाने की बात करने वाले के खिलाफ़ कांग्रेस सरकार क्यों राष्ट्र दोह का मामला दर्ज नहीं कर रही? कालीचरण महाराज की तुरंत जमानत पर रिहाई होनी चाहिए। रिहाई नहीं हुई तो हो सकता है कि दूसरे साधू संत आक्रोशित हो जाएं और उसका असर छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था में देखने को मिले।
बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की सरकार राजधानी रायपुर के बोरियाखुर्द इलाके में एक ऐसी संंस्था को जमीन देने जा रही है जो कि पाकिस्तान में रजिस्टर्ड है। यह संस्था आतंकवाद फैलाने का काम करती रही है। उन्होंने कहा कि दावत ए इस्लामी ने बोरियाखुर्द में 25 एकड़ जमीन के लिए 2020 में आवेदन लगाया था। जमीनों को लेकर विभिन्न संस्थाओं के करीब 5 हजार आवेदन इस समय लगे पड़े हैं। किसी संस्था को सामुदायिक भवन या अन्य कार्य के लिए जमीन दी भी जाती है तो वह साढ़े सात एकड़ से ज्यादा नहीं होती। यहां तो छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की बात करने वाले लोग सीधे 25 एकड़ जमीन देने राजी हो गए हैं। वो भी ऐसी जमीन जिस पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण हुआ था। 13 जनवरी तक दावा आपत्ति मंगाई गई है। ये जमीन ऐसी संस्था को दी जा रही है जिसका रजिस्ट्रेशन पाकिस्तान में है। सरकार जवाब दे कि इस संस्था के पाकिस्तान से क्या संबंध हैं? इस संस्था के पास विदेशों से पैसा आता है और यह भारत में आतंकवाद फैलाने का काम करती है। हमें लगता है कि किसी दबाव के कारण तहसीलदार को जमीन देने की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना पड़ रहा है।