छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस अब ब्राह्मण वोटर्स को साधने की रणनीति बना रही है। बेलतरा विधानसभा पर भी कांग्रेस की नजर है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद के भवन के भूमि पूजन समारोह के बहाने ब्राह्मण समाज को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है। ब्राह्मणों के इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बुलाया गया है और कार्यक्रम की जिम्मेदारी खुद सीएम सलाहकार प्रदीप शर्मा संभाल रहे हैं।
जिले की तीन सीटों पर भाजपा व कांग्रेस के रणनीतिकारों की नजरें भी लगी रहती हैं। यहां बिलासपुर के साथ ही बिल्हा व बेलतरा सीट सबसे खास मानी जाती है। बेलतरा विधानसभा के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो पहले यह बलौदा सीट थी। साल 1952 से इस सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। कांग्रेस वर्ष 1952 से लेकर 1998 तक ब्राह्मण उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार रही थी।
ब्राह्मण प्रत्याशियों का रहा है दबदबा
वर्ष 1985 तक कांग्रेस ने छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण उम्मीदवार पर भरोसा जताया। यही वजह है कि 1985 तक लगातार कांग्रेस के प्रत्याशी यहां से चुनाव जीतते रहे हैं। वर्ष 1990 में जनता ने पहली बार बदलाव किया और भाजपा से बद्रीधर दीवान ने सहकारिता पुरुष माने जाने वाले कांग्रेस नेता रामगोपाल तिवारी से कांग्रेस के कब्जे वाली सीपत सीट को मुक्त करा लिया। लेकिन अगली बार जनता ने फिर कांग्रेस का साथ दिया और चंद्रप्रकाश वाजपेयी जीत गए।
1998 के चुनाव में जनता ने दोबारा बदलाव किया और पहली बार बसपा के इंजीनियर रामेश्वर खरे चुनाव जीते। इसके बाद 2003 से लगातार तीन चुनावों में बद्रीधर दीवान ने यहां से जीत दर्ज की। 2018 में भाजपा ने रजनीश कुमार सिंह को टिकट दिया और उन्होंने भी इस सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रखा।
कांग्रेस ने OBC उम्मीदवार पर जताया था भरोसा
बाद में कांग्रेस के दिग्गजों ने जानबूझकर इस सीट को ओबीसी कोटे में डाल दिया। जिसके बाद से कांग्रेस के हाथ से सीट चली गई। तीनों ही बार चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने साहू समाज के वोटर्स को रिझाने के लिए राजेंद्र उर्फ डब्बू साहू को टिकट दिया। लेकिन, उसे भी पराजय का मुंह देखना पड़ा।
जातिगत समीकरण पर गौर करें तो बेलतरा क्षेत्र में छत्तीसगढ़िया ब्राह्मणों की संख्या करीब 28 हजार है। यहां निवासरत अन्य जाति के मतदाताओं में यह संख्या सर्वाधिक है। दूसरे नंबर पर साहू और सूर्यवंशी समाज के वोटर हैं। इनकी संख्या तकरीबन 21 हजार है। वर्ष 2003 और 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यादव समाज से जुड़े भुवनेश्वर यादव को उम्मीदवार बनाया था। दोनों ही चुनाव में उनको पराजय मिली। इस समाज के वोटरों की संख्या 16 हजार के करीब है।
सम्मेलन के बहाने ब्राह्मण कैंडिडेट की लॉन्चिंग की चर्चा
सीएम सहालकार प्रदीप शर्मा बेलतरा सीट को लेकर खास रुचि ले रहे हैं। उन्होंने अपने गृह ग्राम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भेंट मुलाकात कार्यक्रम कराया। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद को मुख्यमंत्री से रियायत दर पर सामाजिक भवन के लिए दो एकड़ भूमि दिलाई है। अब समाज को मिली इस भूमि पर बनने वाले भवन का शिलान्यास समारोह 17 सितंबर को है, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बुलाया गया है।
साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित इस समारोह में ब्राह्मण सम्मेलन की भी तैयारी है। इस सम्मेलन के लिए बिलासपुर संभाग को अलग-अलग स्तर में बांट कर समाज प्रमुखों को जिम्मेदारी दी गई है। सम्मेलन में कोनी, रतनपुर, कोटा, सकरी, तखतपुर, मुंगेली, पंडरिया, बिल्हा, चकरभाठा, सिरगिट्टी, मस्तूरी, मल्हार, लोहसी, जोन्धरा, पंधी, देवरी, सीपत, बलौदा, जांजगीर, अकलतरा, चाम्पा, सक्ति, शिवरीनारायण, सारंगढ़, रायपुर, बलौदा बाजार सहित अन्य जगहों के विप्रजनों को बुलाया गया है। तैयारी के लिए विप्र भवन, इमलीपारा में एक वार रूम बनाया गया है। माना जा रहा है कि इस समारोह के बहाने ब्राह्मण समाज को साधने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनाई है। इस दौरान सम्मेलन में बेलतरा विधानसभा के लिए समाज के कैंडडेट की लांचिंग भी हो सकती है।
सीएम बघेल भी कर चुके हैं इशारा
बेलतरा विधानसभा के संकल्प शिविर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में दावेदारों को इशारा किया था। कहा था कि बेलतरा में 98 दावेदारों में से एक को टिकट मिलेगा और बाकी 97 विधायक बनने के रेस से बाहर हो जाएंगे। साथ ही यह भी इशारा किया था कि हाईकमान चाहे तो 98 बाहर हो जाएंगे। जो भी दावेदार बैंठे हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि कांग्रेस को उम्मीदवार को जिताएं।
ब्राह्मण समाज के सम्मेलन के राजनीतिक मायने
दरअसल, बीते 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता अमर अग्रवाल के खिलाफ कांग्रेस ने बिलासपुर में पहली बार ब्राह्मण समाज के उम्मीदवार रहे शैलेष पांडेय को मैदान में उतारा। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। उन्हें पैराशूट उम्मीदवार कहा जाने लगा। तमाम विरोध और भितरघात के बावजूद शैलेष पांडेय ने अमर अग्रवाल को हरा दिया।
उनकी जीत के लिए भाजपा नेता अपनी समीक्षा बैठकों में आज भी ब्राह्मण समाज की एकजुटता को याद करते हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस भी इसे याद करते हुए फिर से ब्राह्मण समाज को एकजुट करने की रणनीति में है। यही कारण है कि बेलतरा सहित जिले के दूसरे सीटों को ध्यान में रखते हुए यह सम्मेलन किया जा रहा है।
बेलतरा का असर जिले के विधानसभा क्षेत्रों पर भी पड़ेगा
एक तरफ बेलतरा विधानसभा में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक है। वहीं जिले के दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में भी इसका असर पड़ने की संभावना है। मतदाता सूची के आधार पर आकलन करें तो जिले में छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या एक लाख पांच हजार के करीब है। बेलतरा के बाद बिलासपुर, तखतपुर व मस्तूरी, बिल्हा व कोटा ये पांच ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां ब्राह्मण मतदाता हमेशा से ही निर्णायक भूमिका निभाते आए हैं।
भाजपा में भी है दावेदारों की लंबी लिस्ट
भाजपा में भी बेलतरा सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की लंबी सूची है, जिन्होंने संगठन को अपना बायोडाटा दिया है। इन भाजपा नेताओं में सिटिंग एमएलए रजनीश सिंह के साथ ही प्रदेश युवा मोर्चा के सहप्रभारी सुशांत शुक्ला, आरएसएस से प्रफुल्ल शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुनील तिवारी, साहू समाज के जिलाध्यक्ष तिलक साहू, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ से डॉ. रजनीश पांडेय, गायत्री साहू, प्रवीण झा, उमेश गौरहा, बिल्हा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष विक्रम सिंह, स्वर्गीय बद्रीधर दीवान के पुत्र विजयधर दीवान, लोकेश धर दीवान, रिटायर्ड डीएफओ एसडी बड़गय्या सहित अन्य शामिल हैं।
बलौदा से सीपत और बेलतरा का राजनीतिक सफर:एक नजर में
चुनाव – वर्ष – जीते – पराजित – वोटों का अंतर
बलौदा 1967 रामेश्वर प्रसाद शर्मा कांग्रेस, रमाकांत मिश्रा जनसंघ बलौदा 1972 राधेश्याम शुक्ला कांग्रेस, 16108 राधेलाल तिवारी बीजेएस 11820 4288 सीपत 1977 राधेश्याम शुक्ला कांग्रेस 19418 बद्रीधर दीवान जपा 12197 7221 सीपत 1980 राधेश्याम शुक्ला कांग्रेस 17331 पं रामनारायण शास्त्री भाजपा 7945 9386 सीपत1985 अरुण कुमार तिवारी कांग्रेस 19436 प्रेम सिंह ठाकुर भाजपा 15311 4125 सीपत 1990 बद्रीधर दीवान भाजपा 24265 रामगोपाल तिवारी कांग्रेस 16193 8072 सीपत 1993 चंद्रप्रकाश वाजपेयी कांग्रेस 24580 बद्रीधर दीवान भाजपा 20049 4531 सीपत 1998 इंजीनियर रामेश्वर खरे बसपा 19533 रामनारायण शास्त्री भाजपा 16717 2816 सीपत 2003 बद्रीधर दीवान भाजपा 22649 रमेश कौशिक कांग्रेस 22350 299 बेलतरा 2008 बद्रीधर दीवान भाजपा 38867 भुवनेश्वर प्रसाद यादव कांग्रेस 33891 4976 बेलतरा 2013 बद्रीधर दीवान भाजपा 50890 भुवनेश्वर यादव कांग्रेस 45162 5728 बेलतरा 2018 रजनीश कुमार सिंह भाजपा 49601 राजेंद्र साहू कांग्रेस 43342 6259