छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 7 जिलों में लंबे समय से सरकारी स्कूलों में अपनी सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों को शासन के आदेश के बाद नौकरी से निकाल दिए जाने से इन शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा है. शनिवार (23 सितंबर) को सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और बस्तर के सांसद दीपक बैज के सरकारी आवास का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की.
दरअसल इन शिक्षकों को डीएमएफटी फंड के अंतर्गत शासकीय स्कूलों में ठेका पद्धति पर नौकरी दी गई थी, लेकिन प्रदेश भर में हो रहे नियमित शिक्षकों की भर्ती के चलते इन अतिथि शिक्षकों को हटाया जा रहा है. कुछ दिन पहले ही संभाग के अलग-अलग जिलों में 600 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों को सेवा से हटा दिया गया था, वहीं बाकी अतिथि शिक्षकों को भी 30 सितंबर तक का अल्टीमेटम प्रशासन ने दिया है. ऐसे में अतिथि शिक्षक कल्याण संघ की मांग है कि उन्हें जॉब सिक्योरिटी दी जाए और जिन शिक्षकों को निकाला गया है उन्हें वापस नौकरी में लिया जाए.
सांसद के सरकारी आवास का किया घेराव
अतिथि शिक्षक कल्याण संघ के संभागीय सचिव कमल कुमार सिन्हा का कहना है कि पिछले कई सालों से बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में और सुदूर ग्रामीण अंचलों में अतिथि शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं. कम मानदेय मिलने के बावजूद भी अतिथि शिक्षक गांव गांव में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को स्कूली शिक्षा दे रहे हैं.
शिक्षकों को उम्मीद थी कि आने वाले समय में जरूर शासन उन्हें शिक्षक भर्ती में प्राथमिकता देते हुए जॉब सिक्योरिटी देगी, लेकिन राज्य सरकार वादा खिलाफी करते हुए अतिथि शिक्षकों को नौकरी से निकाल रही है.
बस्तर के ये लोग हो जाएंगे बेरोजगार’
बस्तर संभाग के 7 जिलों से करीब 600 शिक्षकों को हटा दिया गया है, वहीं अन्य अतिथि शिक्षकों को 30 सितंबर तक हटाने की बात कही जा रही है ,उन्होंने बताया कि कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन के बड़े अधिकारियों को भी अपनी जॉब सिक्योरिटी की मांग को लेकर आवेदन सौपा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है, और अब उन्हें नौकरी से हटाया जा रहा है.
ऐसे में बड़ी संख्या में बस्तर के ये लोग बेरोजगार हो जाएंगे. अपनी मांग को लेकर शनिवार को सैकड़ों की संख्या में अतिथि शिक्षकों ने बस्तर जिले के लौंहडीगुड़ा में स्थित बस्तर सांसद दीपक बैज के सरकारी आवास का घेराव किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
शिक्षक भर्ती में नहीं मिल रही प्राथमिकता
इधर शिक्षकों का कहना है कि सांसद दीपक बैज के रायपुर में होने का हवाला देते हुए उनका ज्ञापन नहीं लिया गया, जिसके चलते रविवार (24 सितंबर) को सभी अतिथि शिक्षक जगदलपुर -राजधानी रायपुर नेशनल हाईवे -30 में चक्का जाम करेंगे. उन्होने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रखेंगे.
इधर बताया जा रहा है कि व्यापम और स्थानीय स्तर पर राज्य सरकार ने नियमित शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया है. वहीं अतिथि शिक्षकों को इस भर्ती में किसी तरह की प्राथमिकता भी नहीं दी गई है, जिस वजह से सैकड़ों की संख्या में शिक्षक अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.