आदर्श आचार संहिता के पहले राज्य सरकार ने लोकार्पण और शिलान्यासों के कार्यक्रमों में ताकत झोंक दी है। तीन महीने में ही 30 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं। साथ में मंत्री, विधायक, जिला और जनपद स्तर के पदाधिकारियों का भी ताबड़तोड़ दौरा जारी है। राजधानी से लेकर बस्तर तक विकास कार्यों की सौगातें दी जा रही हैं। जुलाई, अगस्त और सितंबर के तीन महीनों में उद्घाटन और शिलान्यास के आंकड़े अन्य महीनों के मुकाबले अधिक हैं।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव नवंबर महीने में संभावित है, वहीं आदर्श आचार संहिता की घोषणा 10 से 15 अक्टूबर के बीच हो सकती है। इसलिए राज्य सरकार ने दौरा तेज कर दिया है। महत्वपूर्ण कार्यों के लिए विभागों में लगातार निविदा निकाले जा रहे हैं। आचार संहिता के पहले राज्य सरकार ने अपने सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अमले को मैदान पर उतार दिया है। कार्यों और सौगातों का अंदाजा इन्हीं आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि सितंबर महीने में लगभग 6,500 करोड़ रुपये की लागत से 12,000 से अधिक कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया।
जिनमें प्रदेशभर सड़क, अधोसंरचना, भवन, श्रीरामवन पथ गमन, सिंचाई, स्कूल, अस्पताल, नई तहसील, एयरोसिटी, कृषि मंडी भवन, होलसेल कारीडोर, स्व-सहायता समूहों की ऋण माफी आदि शामिल हैं। जुलाई महीने में कोरबा को 13,356 करोड़ रुपये की सौगात मिली, जिसमें मुख्यमंत्री ने 12,915 करोड़ रुपये की लागत से ताप विद्युत परियोजना का शिलान्यास किया।
दो दिन दिन में 1,345 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण
24 सितंबर को सुकमा और कोंडागांव में एक ही दिन के भीतर मुख्यमंत्री ने 673 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। सुकमा में 273 करोड़ रुपये की लागत से 137 विकास कार्य और 403 करोड़ रुपये की लागत से 6,108 विकास कार्य शामिल हैं। 25 सितंबर को बिलासपुर के बिल्हा विकासखंड में राहुल गांधी ने आवास न्याय सम्मेलन में 669.69 करोड़ रुपये की लागत से 414 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।
सरकार ने पेश किया 31 वादों का आंकड़ा
चुनाव के पहले राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में 31 ऐसे कार्यों के आंकड़े पेश किए हैं, जिनमें सरकार का कहना है कि हमने अपना वादा निभाया है। इनमें 2,500 रुपये में धान खरीदी, बिजली बिल हाफ, गांवों में 15,000 किमी. की नई सड़कें, चिटफंड में डूबे धन की वापसी, किसानों की कर्जमाफी, वनअधिकार पट्टा, शिक्षाकर्मियों का नियमितीकरण, खाद्य सुरक्षा अधिकार आदि शामिल हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास आदर्श आचार संहिता के पहले किया जा सकता है।