कृषि, छत्तीसगढ़ राज्य में रोजगार के लिए रीढ़ की हड्डी के समान है. कृषि कार्यों की वजह से छत्तीसगढ़ की अलग पहचान है. यहां की आधुनिक खेती में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. आधुनिक खेती के लिए तरह-तरह के उपकरण का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर की तरफ से अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजन की 38वीं वार्षिक कार्यशाला और कृषि यंत्रों समेत उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई. प्रदर्शनी में बदलती कृषि परिस्थितियों और किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार नए-नए कृषि यंत्र इजाद किए गए हैं.
छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलेगा लाभ
यहां किसानों को कम लागत में आवश्यक चीजों का अविष्कार किया गया है. छत्तीसगढ़ के किसानों को कृषि क्षेत्र में लाभ दिलाने के लिए कृषि यंत्रों को लेकर चर्चा भी हुई है. किसान मेला में उन्नत यंत्र की प्रर्दशनी लगाई गई. जिसमें मुख्य रूप से चना भाजी तोड़ने की मशीन, धान की खर पतवार नियंत्रण मशीन और प्याज-लहसुन तोड़ने की मशीन आकर्षक का केंद्र बनी हुई है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अनुसंधान केंद्र है. अन्य राज्यों से जो मशीन अच्छा बनता है, उसको लाकर छत्तीसगढ़ की मिट्टी के लिए परीक्षण किया जाता है. परीक्षण में सही पाने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार को उस मशीन के बारे में अवगत कराया जाता है. फिर छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के लिए सब्सिडी के साथ ऐसी मशीनें उपलब्ध कराती है.