धमतरी (वीएनएस)। बहुजन समाज पार्टी जिला धमतरी की ओर से 1 जनवरी को शहर के सोरिद वार्ड में भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस धूमधाम से मनाया गया जिसमें प्रमुख रूप से बहुजन समाज पार्टी छ: ग प्रदेश प्रभारी एन पी अहिरवार मौजूद थे। विशिष्ट अतिथि आर पी संभाकर थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष आशीष रात्रे ने की। कार्यक्रम का संचालन जोन प्रभारी ईश्वर नारंग ने किया।
संतो, महात्माओं के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सभा को संबोधित करते हुए बसपा प्रभारी अहिरवार ने बताया कि कोरेगांव लड़ाई का गौरवशाली इतिहास है। अंग्रेजों की बम्बई नेटिव इन्फैंट्री (महारो की पैदल फौज) अपनी योजना के अनुसार 31 दिसंबर 1817 ई की रात को कैप्टन स्टाटन शिरूर गांव से पूना के लिए अपनी फौज के साथ निकले। उस समय उनकी फ़ौज सेकेंड बटालियन फसर्ट रेजीमेंट में मात्र 500 महार थे। 260 घुड़सवार और 25 तोप चालक थे। उन दिनों भयंकर सर्दियों के दिन थे यह फौज 31 दिसंबर 1817 ई की रात में 25 मील पैदल चलकर दूसरे दिन सुबह 8 बजे कोरेगांव भीमा नदी के किनारे जा पहुंचे। विशिष्ट अतिथि आर पी संभाकर ने बताया कि 1 जनवरी सन् 1818 ई को बम्बई की नेटिव इन्फैंट्री फौज ( पैदल सेना) अंग्रेज कैप्टन स्टाटन के नेतृत्व में नदी के एक तरफ थी। दूसरी तरफ बाजीराव की विशाल फौज जिसमें दो सेनापतियो राव बाजी, और बाबू गोखले के नेतृत्व लगभग 28 हजार सैनिक के साथ जिसमें 2 हजार अरब सैनिक भी थे। सभी नदी के दूसरे किनारे पार काफी दूर दूर तक फैले हुए थे।1जनवरी सन् 1818 को प्रात: 9.30 बजे युद्ध शुरू हुआ। भूखे थके महार अपने सम्मान के लिए बिजली की गति से लड़ें। अपनी वीरता और बुद्धि से करो या मरो का संकल्प के साथ लड़कर पेशाव सेना को हराया।
बसपा जिलाध्यक्ष आशीष रात्रे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महारो ने अपनी शूरता और वीरता का परिचय देकर विजय हासिल की। कोरेगांव के मैदान में जिन महार सैनिकों ने वीरता से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त किया। उनकी याद में अंग्रेजों ने सम्मान में सन् 1822 ई में कोरेगांव भीमा नदी के किनारे काले पत्थरों का कान्ति स्तंभ निर्माण किया। इस स्तंभ को हर साल 1 जनवरी को देश कि सेना अभिवादन करने जाती थी।
इस अवसर पर बहुजन समाज पार्टी जिला धमतरी के महासचिव अशोक मेश्राम, जिला वीवीएफ संयोजक लालचंद पटेल, जितेंद्र पटेल वीवीएफ संयोजक, कोषाध्यक्ष केकचद बघेल, बसपा युवा नेता वैभव जगने, रेवती साहू, लक्ष्मी धालेन्द फूलकुवंर ठाकुर, देवनारायण साहू नारायण साहू योगेश्वर चौहान खोरबाहरा यादव, कुमारी यादव सेवती साहू पूर्णिमा साहू बेदीन साहू प्रमिला धुव्र श्यामा साहू गुलमत साहू लक्ष्मी साहू उषा साहू ईश्वरीय यादव मानकुंवर साहू, सेवंती साहू गीता विश्व कर्मा, मानबाई साहू, संतोष साहू, भोजराज यादव, कन्हैया कंवर, राधे सिन्हा, अनुस ईसया सिन्हा, नीता सिन्हा, भीम नेताम, राजेंद्र साहू, टिकेश्वर साहू, भारत साहू, खिलेद साहू, ममता साहू, रुपेन्द्र साहू, उदय बघेल रामलाल रामटेके प्रेमलाल कुर्रे, संतोष कंवर, मोहित यादव, हीरालाल यादव, धनेश यादव, चेतन यादव, सोनारिन यादव,दुलेशिया यादव,ग्वालिन यादव, रत्नेश ताड़ी, रामनाथ अंसारी,पोखराज अंसारी मौजूद थे।